अधूरी दोस्ती
जहाँ वह एक सामान्य शहर था। एक सामान्य समय में घटित एक घटना का वर्णन है जिसने एक दोस्ती को अधूरा छोड़ दिया था।
लेखा एक खुशहाल लड़की थी, जो किसी के साथ खुशी से हंसती और फिर अचानक ही वह मुस्कुराना भूल गई। कुछ महीने पहले वह एक लड़की से मिली थी जिसे उसने उसकी प्रतिभा की पहचान की थी। लेखा और तनुष्री एक दूसरे की धीमी दोस्ती बताती थी। ये दोनों स्कूल में पढ़ती थी और पढ़ाई के बाद संगीत के लिए एक साथ जरूर जाती थी। अधिकतर समय वे एक दूसरे के साथ अत्यधिक अपने आप में इनार्जी और उत्साह बांटते हुए देखे जाते थे। उन्होंने एक दूसरे को बहुत अच्छी तरह समझना शुरू कर दिया था। लेखा कभी कभी तंग आकर अपनी चिंताओं को तनुष्री को प्रकट करती थी। तंगी के कारण वह अभ्यास करना भूल जाती थी, इस पर उसकी तंगी बढ़ती थी।
शुरुआत में, लेखा और तनुष्री दोनों हंसते-मुस्कुराते बहुत समय बिताते थे। संगीत के बाद आनंद और खुशी ने इस दोस्ती को और मजबूत बना दिया। लेकिन वह दिन भी आता है जब दोस्ती में कुछ अलग से होता है। एक दिन जब लेखा ट्यूटरियल्स के लिए जरिया बन गई थी तो वह थक जाने लगी थी। उस दिन वह ठीक से खाने नहीं खा पाई थी। उस समय उसे एक खराबी अनुभव की तरह लग रही थी। तंगी की वजह से उसे लगता था कि वह किसी अन्य कोण से खुश नहीं हो सकती। ये वह सोच रही थी कि उसे कैसे अपनी निजी ज़िम्मेदारियों और स्कूल के कामों को पूरा करते हुए अविरत रूप से चलना होगा।
तनुश्री ने समझा कि इस समस्या का समाधान अनलाइन से उपलब्ध है। उसने लेखा को उस साइट के बारे में बताया जहाँ वह वांछित जानकारी को प्राप्त कर सकती है। अपनी समस्या को समझने के लिए वह उस पर एक लेख पढ़ी जो उसकी समस्या करीब से मिलती थी। उसने अधिक से अधिक लेख पढ़ने और उस साइट की सहायता से अपनी समस्या का समाधान किया। लेखा ने तनुश्री का धन्यवाद किया और ऐसा लगता था कि वह सचमुच खुश हो जाएगी जब वह उसे मालूम होगा।
कुछ समय बाद, लेखा ने उस समस्या का समाधान पाया और उसे अपनी दैनिक जीवन शैली से बाहर निकलने के लिए लगा। लेखा खुश और उत्साहित रहने लगी थी। उसने संगीत के बारे में अधिक उत्साह और भी हो गया था। लेखा और तनुश्री एक दूसरे के साथ अपनी शानदार और लेन-देन में टूट गये थे, जब एक दिन एक बेन्च में टूट गये थे। लेकिन उन्होंने अपनी दोस्ती के लिए शानदार मुड़ाहट बनाए रखा। इस दोस्ती में कुछ अलग से था, इसलिए उन्होंने एक दूसरे की मदद करना शुरुआत की और उसे सचमुच उत्साहित किया।
वे जो भी करते थे, वह उन्हें सुखद और शांतिपूर्ण संगीत बनाता। वे एक दूसरे के लिए वास्तव में अपने आप में प्रेरणा बन गये थे। हालाँकि, न केवल साझा हंसी के लिए, बल्कि वे मदद करने की तरफ भी आर्द्र थे। वे एक दूसरे के जीवन में वास्तव में उत्साह और खुशी नहीं बल्कि प्रेरणा और आकर्षण के रूप में प्रभाव डालते थे। हालाँकि, लेखा और तनुश्री की दोस्ती स्थिर नहीं रह पाई और वे दोनों अपने-अपने काम में व्यस्त हो गये। इस समस्या से लड़ने के लिए वे भी सक्षम नहीं थे। वे अधूरी और गहराई से ना-जाने कब टूट गयी।
इस दोस्ती में एक बेहतर बात थी कि लेखा और तनुश्री कभी-कभी मुसीबत के समय एक दूसरे की मदद करते थे और वे हमेशा एक दूसरे के साथ खुश और समृद्ध रहते थे। कुछ दिनों बाद, तनुश्री की मौत हो गयी। लेकिन वह उन्हें कभी भी नहीं भूल सकती, प्यारी दोस्ती की यादें उसे हमेशा आनंदित करती रहेंगी।
“अधूरी दोस्ती” नामक कहानी शायद यह समझाता है कि दोस्ती जीवन में कितनी महत्वपूर्ण और जीवन भर के लिए जरूरी होती है। वे समय आने पर उसे अपने आप में प्रकट करेंगे जब आप उन्हें सबसे ज्यादा जरुरत होगी। उन्हें शांतिपूर्ण और उत्साहित बनाए रखना एक दूसरे के लिए ज़िम्मेदार होता है। वे सक्रिय रहेंगे, आपके लिए खुशी हमेशा मौजूद रहेगी और आपकी जिंदगी को हर फीसदी से भरपूर बनाएगी।