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आध्यात्मिक उद्धरण – साधना, शांति, आनंद और प्रकाश का

Title: आध्यात्मिक उद्धरण – साधना, शांति, आनंद और प्रकाश का मंगलाचरण

आध्यात्मिक उद्धरण के जरिए हम संसार की कलंकित दुनिया से मुक्त होते हुए समस्त संसार को एक नयी दृष्टि देखने के लिए प्रेरित होते हैं। साधना और महान आध्यात्मिक व्यक्तियों के उपदेशों से हम स्वयं को प्रकाश की तरह जानते हैं, जिससे हम शांति और आनंद को प्राप्त कर सकते हैं।

1. “मन में आहुति धर, ह्रदय में अहिंसा बैठा, हर शब्द को दोहराये, शब्दों के ज़िकर से अति प्रसन्न हुआ।” – संत गुस्सैनदास

2. “जब तक शीष बढ़े, पक्षी रुक न पाएं। जब तक मनुष्य में अहंकार है, परमात्मा उसे अपने पास नहीं बुलाता।” – स्वामी विवेकानंद

3. “सफलता का सूत्र यह है कि हम प्रिय और विरोधी के प्रति सदैव दया रखते रहें।” – महात्मा गांधी

4. “जिनका हृदय शुद्ध होता है वे ईश्वर को ही देख पाते हैं।” – स्वामी प्रभुपाद

5. “मनुष्य को जीतना होता है तो उसे समाप्ति का भ्रम दूर करना होगा।” – स्वामी विवेकानंद

6. “यह दुनिया हमें इतना प्रबल बना देती है कि हम अपने मन को बिसतरित रखने बजाय उसे नियंत्रित नहीं कर पाते।” – डालाई लामा

7. “भगवान की शक्ति किसी भी चीज़ से ज़्यादा अधिक होती है, चाहे वह आपकी दुःख भरी स्थिति हो या भीड़ भरी जगह हो।” – स्वामी विवेकानंद

8. “सफलता वह होती है जब आप अपनी कमजोरियों को समझते हुए अपने आप को सक्षम मानते हो।” – अपजैत जैन

9. “मनुष्य की सबसे बड़ी समस्या नहीं शांति की अभाव है।” – स्वामी विवेकानंद

10. “आप जो सोचते हैं वह आप होते हैं, आप जो बोलते हैं वह अधिक मायने रखता है, और आप जो करते हैं वह आपकी शक्ति को दर्शाता है।” – स्वामी विवेकानंद

आध्यात्मिक उद्धरणों के जरिए हम समझते हैं कि सत्य, दया और करुणा के बिना हमारी जिंदगी निरर्थक हो जाती है। हम समस्त उत्साह और शक्ति के साथ जीवन को आगे बढ़ाते हुए अपनी आत्मा को प्रकाश के रूप में जानने की समझ प्राप्त करते हैं।

कागा जी

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