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एक अनोखी मुलाकात अभिषेक ने अपने सेल्फी की तस्वीर खींचते

Title: एक अनोखी मुलाकात

अभिषेक ने अपने सेल्फी की तस्वीर खींचते हुए यह सोच रहा था कि आज वह कौन सी नयी जगह जायेंगे। उसे नयी जगहों का दीवानपन रहता था और उसे तो बस यह पता था कि नयी जगह देखने से उसका मन खुश हो जाता है।

अभिषेक अपने स्मार्ट फोन की प्रोवाइडर वेबसाइट पर सर्च करते हुए जानता हुआ था कि रेस्टोरेंट के बाहर कुछ लोगों का समूह खड़ा हो रहा है। उसे यह लगा कि अक्सर अच्छे रेस्टोरेंट के गतिविधियों में कुछ पार्टियां भी होती हैं। वह चाहता था कि वह भी उसमें शामिल हो।

अभिषेक एक समय के लिए अपने मित्रों को इंतजार करने को कहते हुए वहाँ पहुंचा। यह महसूस करते हुए कि वह लंबे समय से अकेला बैठ रहा था, उसे थोड़ा घबराहट हुई। फिर वह अपने फोन से खेलने लगा और पासवर्ड बनाने की कोशिश करता रहा।

उसी दौरान एक जी दोस्त वहाँ पहुंचा और अभिषेक के पास बैठ गया। अभिषेक ने अपने दोस्त को बताया कि वह यहाँ खाने के लिए आया है। वह उसे इन लोगों को देख रहे होते हुए बताता है कि कुछ तो सदि सोई हुई हैं और कुछ जबरदस्त खाने की तलाश में यहां पहुँचे हुए हैं जो आपको खाने वाली चीजों के बारे में बता सकते हैं।

अभिषेक के दोस्त की बात से उसे बच्चों द्वारा अचानक खो दिया हुआ एक गुलाबी टेडी बिल्ली याद आई। तभी एक महिला ने अपने बालों को सींचते हुए अभिषेक को हँसते हुए ‘जिज्ञासू हो ना?’ पूछा।

उसे पहले तो यह कुछ झिझक से महसूस हुआ लेकिन फिर पूरी तरह उसको समझ आ गई कि महिला उसे कवर बनाने का जिक्र कर रही है।

अभिषेक ने उसे बताया कि वह दूर से आया है और अभी तक यह नहीं जानता है कि यह कहाँ है। फिर महिला उसे गुलाबी टेडी बिल्ली के बारे में ही बताती हैं।

अभिषेक को उस दौरान कुछ अन्य लोगों के दोस्त से भी मिला। उस दौरान, उस समय, वह लोग एक दूसरे से इस बारे में बात करते हुए विस्तार से जानते गए कि वह लोग बनगलोर में हैं और उन्होंने यहाँ जयपुर आने का निर्णय किया है।

अभिषेक ने बताया कि उसे शाम को ही जयपुर छोड़ जाना है। वह अपने फोन से जयपुर पहुँचने वाली ट्रेन की जानकारी भी ले लिया।

महिला ने उसको बताया कि वह तो औरों को ऐसे घूमने के लिए बता सकती है लेकिन उसे यहाँ के रोजगार की जानकारी भी दे सकती हैं। तभी एकदम एक हवाई सफर में भीड़ की थोड़ी जगह हुई। वहाँ पहुँचते ही महिला ने उससे कहा कि वह भी इस सफर में उस गुलाबी टेडी बिल्ली को दूसरे स्थान पर ले जा रही हैं। उसने महसूस किया कि महिला उसे समझती हैं।

वह लोग जब मिलाप हुए तो वह लोग एक दूसरे से मुलाकात करके बातें करने लगे। अचानक, एक व्यक्ति के साथ समस्या उत्पन्न हुई जिसको महिला ने उधार लिया हुआ सक्षम नहीं था। उस व्यक्ति ने अपनी गाड़ी को प्राप्त करने के पास कुछ रुपये होने की बात बतायीं। उस दौरान जब दोस्तों का समूह फिर से सामने आ गया तो उसने बताया कि उसके पास थोड़ी सी राशि है और वह उस व्यक्ति को उसकी गाड़ी के लिए उस खर्चग्रहण कर सकता हैं। इससे उस व्यक्ति को बहुत राहत मिली।

इस इन्सानियत और सहायता की भावनाओं से भरी मुलाकात से, अभिषेक को यह भावना मिली कि दुनिया कभी-कभी सुंदर भी हो सकती है। और यह अनोखी मुलाकात उसकी जिंदगी का नया अध्याय बन गई।

कागा जी

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