Title: एक अपमान का सफल बदलाव
वह था एक आम आदमी जो छोटे गाँव में रहता था। उसका नाम हरीश था। वह एक किराना दुकान पर काम करता था और उसकी आमदनी में से अपने परिवार के लिए खर्च करता था। उसकी जिंदगी थोड़ी जटिल थी क्योंकि उसके पास धन और संसाधन बहुत कम थे।
एक दिन, एक अमीर व्यक्ति ने किराना दुकान में जोड़ा का माल खरीदने के लिए आया। हरीश ने उसे इसके दाम बताए और उसे शुक्रिया कहकर बाहर दे दिया। क्योंकि उस व्यक्ति ने उससे होंसला बढ़ाने के लिए दर लगाने का प्रयास किया, हरीश ने इसके जवाब में उसको एक सुन्दर तरीके से नहीं माना। इससे एक असमंजस में पड़ गयी हरीश का जीवन।
वह उस अधिकारी से मिलकर यह समझा कि वह किसी अमीर व्यक्ति और सफल व्यवसायी से कितनी अलग है। हरीश आज तक इस अपमान को नहीं भूल सका था। इससे उसका निराशा और असफलता ने थोड़ी और बढ़ जायेगी।
लेकिन एक दिन, उसके शहर में एक विशेष सम्मेलन हुआ जिसमें कुछ महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने अपनी एक-एक कहानियों को शेयर किया। फिर एक व्यक्ति उन्हें अपनी कहानी सुनाने के लिए आमंत्रित किया। और, वह व्यक्ति हरीश था।
हरीश ने सभी को बताया कि उसकी इस अपमान वाली कहानी ने उसे कैसे निराश कर दिया था। लेकिन वह सही मार्ग पर अग्रसर होने का फैसला किया था। उसने इसे एक उत्सव बनाने का निर्णय लिया। वह पचास गरीब बच्चों को खाना व बर्फ की ठंड से मुक्ति दिलाने के लिए एक भोज आयोजित करने का फैसला किया।
हर गाँव से लोगों ने इसमें भाग लिया और उन्होंने हरीश का सपना साकार किया। वह सम्मान की हासिली व्यक्ति बन गया था। लोगों ने उसे उत्साहित किया और उसने अपनी दुकान में नई वस्तुओं की खरीद की जिससे उसका कारोबार फिर से शुरू हो गया।
हरीश को अब बड़े संगठनों में एक विशेष स्थान मिलता है जहां वह अपने अनुभवों को साझा करता है और अन्यों को भी सफल होने में मदद करता है। वह इस जीवन में एक सफल इंसान बन गया।
इस दुनिया में हर कोई उत्साह और सफलता की तलाश में होता है। कुछ लोग सफलता पाने में समय और तनाव लगा देते हैं, जबकि कुछों को स्वयं को मोटीवेट करने की आवश्यकता होती है। लेकिन एक महत्वपूर्ण सबक हमें याद रखना चाहिए कि हमेशा अपनी असफलता से सीख लेना चाहिए। उस अपमान को सफल में बदलने का सुनहरा मौका हमें कभी नहीं छोड़ना चाहिए।