Title: एक पहाड़ पर ट्रेकिंग के दौरान शहर से दूरी
दीपक ने अपनी परिवार के सम्मान में ट्रेकिंग का फैसला किया। समान उपयोगकर्ताओं के साथ वह एक पहाड़ के ऊपर ट्रेकिंग करने जा रहा था। शहर से दूरी का एक सुंदर दृश्य देखने के दौरान मन को बहुत सुकून मिलता है।
सफर शुरू होता ही वह उन सभी लोगों के साथ मेल खाने लगता है जो अद्भुत अनुभव का भाग होना चाहते हैं। दिन के तापमान के कारण वे पर्वतीय मार्ग से जाते हैं। मनुष्यों की भीड़ में आकर वह कभी-कभी खुद को अकेला महसूस करता था।
समुद्र जीवित जंगलों, कूल नदियों और विकसित पानी से अरेरो-वनस्पतियों के जंगल के बीच से यात्रा करते हुए, आत्मा प्रकृति से एक हुआ। इस साथियों के साथ ट्रेकिंग करना उनके शांत विचारों के साथ स्वीकार्य था।
लेकिन, एक समय आया जब वे अकेले रहने लगे। इस समय का अनुभव नया था। लोगों से दूर एक नया जीवन का अनुभव करना था। उन्हें उबाऊ दृश्यों का सामना करना पड़ा, जो शहर के भीतर कभी नहीं देखे जा सकते थे।
आसमान के नीले रंग के अंगारों और जमीन के सूखे पेड़ों के बीच जाते हुए दीपक को शहर की जीवनशैली से दूरी का अनुभव मिल रहा था। बसंती-हरियाली से लेकर एक दूसरे समय के सतहों तक उन्होंने कुछ एक्सप्लोर कार्यक्रम भी किए। वे दिसंबर के महीने में बर्फीले पर्वतों पर कभी भी नहीं गए थे, जहां तापमान सफेद धमाकेदार दर्द होता है।
एक बार दीपक ने ट्रेकिंग करते हुए एक छोटे से शहर को पाया। इस छोटे से शहर में पहुंचकर उन्होंने बहुत से लोगों से मिलने का अनुभव किया। उन्होंने शहर में होने वाली बिछौने की चमक, दुकानों की छतरियों के नीचे खड़े लोगों की भीड़, शहर में रहने वालों के जीवनसृजन के साथ खूबसूरत अनुभव किया।
ताजी सब्जी की खुशबू, बहुत सारे अलग-अलग वस्तुओं का विस्तृत विवरण, मूल्य दर और लोगों के साथ बातचीत करने का अनुभव उन्होंने सबसे अधिक पसंद किया। उन्होंने शहर से वापस नहीं जाने का फैसला किया।
एक बार शहर में ऊतक तोड़ने के समय, उन्होंने वहाँ एक और व्यक्ति को भी मिला, जो उनकी सहायता के लिए तैयार था। चलते हुए, उन्होंने एक आलीशान विला तक पहुँचा, जो कि वहाँ के महत्वपूर्ण निवासियों का होता था। दीपक ने उस घर को देखा और सोचा कि उस घर का मालिक बहुत धनवान हो सकता है।
घर में एक बहुत ही सुंदर एवं आकर्षक बच्चा भी था, जो दीपक को ध्यान में लाया। लड़के के माता-पिता ने उन्हें उसके नाम बताया, और वह उस से प्यार करने लगा। दीपक समझता था कि ये लड़का उसके साथ खेल करना चाहता है। उसने उस से कुछ खेल खेल कर खुशी ली।
उसी पल से दीपक ने शहर से दूरी को बेहद खुशी से स्वीकार कर लिया। उन्होंने समझ लिया कि उन्हें अकेलापन की यात्रा करने की जरूरत नहीं है। एक नए दोस्त ने उन्हें घेरा था। उन्होंने शहर की नई जिंदगी को स्वीकार किया और वह अब शहर से दूर रहने के लिए अफसोस नहीं करते थे।
दीपक ने सोचा, “शहर से दूरी का अनुभव करना एक भीड़ीभाड़ी दुनिया में नए दोस्त बनाने का एक अद्भुत तरीका है।”
उन्होंने पहाड़ पर वापस आते समय, दीपक की आँखें, उस खुशनुमा समय को याद करती थीं, जिस दिन उन्होंने शहर से दूरी निवारक बनाना शुरू किया था।