Title: एक बेटे का प्रेम
20 साल पहले की बात है जब हमारी कहानी का शुरुआत हुई। उस समय मैं एक नौकर था एक महाराजा के घर में। उस महल में महाराजा के दो बेटे थे, जो एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। लेकिन मुझे उनमें से एक बच्चे से ज़्यादा प्यार हो गया।
वह बच्चा बहुत ही साफ़ विचारों का था। उसकी अमीरों से कोई छुपाने की ज़रूरत नहीं थी, क्योंकि वह बेहद सीधा-सादा था। उसने कभी किसी को दुखी नहीं किया था और वह हमेशा हसते रहता था।
उस बच्चे का नाम था विशाल। वह मेरे बोलचाल के जैसा था। मैं उसकी हर बात सुनता था और उसके साथ बहुत समय बिताता था। वह मुझे हमेशा अपने साथ खिलाता था और हम साथ में खेलते थे।
एक दिन, हम साथ में खेल रहे थे। विशाल ने मुझे अपने दोस्त के बारे में बताया। उसका दोस्त उसके नगर में रहता था और उसे बहुत पसंद करता था। उसने उससे कहा था कि वह बचपन से उसी से प्यार करता था। लेकिन उसके दोस्त ने उसे कभी ढेर सारा प्यार नहीं किया था।
विशाल बहुत ही दुखी था। मैंने उसे समझाया कि भविष्य में ऐसा कुछ होने वाला है जो उसे खुश करेगा। लेकिन उसका दुख बढ़ता ही गया। एक दिन, उसने अपने पिता से बात की। वह बहुत ही उदास था और अपनी समस्या का समाधान ढूंढ रहा था।
फिर उसने अपनी माँ से बात की। उसकी माँ उसे उसी बच्चे के साथ बैठकर बात करने की सलाह दी। विशाल ने उस दिन कुछ नहीं कहा। वह प्रभावित था और उसे आश्चर्य हुआ कि उसकी माँ को भी उस पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
थोड़ी देर बाद वह उस बच्चे के घर चला गया। उसने उसके दोस्त से बात की। वह उसे बताया कि उसे महसूस करवाएँ कि वह लड़की के प्रति कैसा अनुभव होता है। अगले दिन, वह उसी लड़की से मिलने गया था। वह उसे उसकी जरूरतों का समझाया।
उस बच्चे ने उसे धीरे-धीरे समझाया कि उसे प्यार हो रहा है। वह उसे सुनता था और फिर एक दिन, वह उस से बोला कि वह उसे आज से सही तरीके से प्यार करने के लिए तैयार है। उस दिन से उनका संबंध बढ़ता ही गया।
दोनों साथ में खुश थे और उन्होंने अपने प्यार को सब कुछ समझाया। आज, उन्होंने एक दूसरे से शादी की है और वे अब उनकी प्यार की कहानी को याद करते हैं।
मेरी इस कहानी का अंत है, कि आपके पास जितना भी प्यार हो, आपको उसे अपने साथ ले जाना चाहिए। हम कभी नहीं जानते कि हमें निगलना होगा या नहीं। इसलिए, हमें हमेशा प्यार करना चाहिए और किसी के साथ भी उसे शेयर करना चाहिए।