Title: एक राह के दो संभव अंत
एक सुन्दर मौसम के दिन एक लड़का एक देहाती इलाके से निकलता हुआ उन्नति और सुख की राह पर चल रहा था। उसके पास एक और रास्ता था जिसकी अंतिम निष्क्रियता के बाद मौत थी। उसे लगता था कि वह संभवतः सफल होगा और उसकी उन्नति जारी रहेगी, लेकिन यही अनुभव उसे भुलाने वाला था।
वह अगले एक घंटे तक चलता रहा और एक अन्य देहाती इलाके में पहुंच गया, जहां पर उसने उसकी सफलता की तरह बहुत से मनोरंजन और सीमाओं का सामना किया। वह अभी भी उसकी सोच को काटता था, जहां पर खुशी और अधिकार की सीमाएं दोनों उपलब्ध थीं।
उसने समझा कि जीवन में संघर्ष की सामान्यता है, लेकिन उसने इस बात का अपने मन में ध्यान नहीं दिया, लेकिन धीरे-धीरे संभवतः इस बात का अनुभव होने लगा कि उसकी उन्नति के लिए उसे संघर्ष का सामना करना होगा।
वह कुछ वक्त के लिए थम गया था और उसने सोचा कि इस राह का निष्क्रिय अंत सही नहीं है। उसे पता था कि इस राह का उपयोग करने से उसकी उन्नति संभव नहीं है, लेकिन उसके पास एक दूसरा विकल्प था।
वह दोबारा उस समाप्त होने वाले रास्ते पर वापस आया और एक अन्य विस्तार में चलते हुए जारी रखा। यह राह बहुत सोच समझकर खोजी गई थी, लेकिन उसे सबसे अच्छा लग रहा था। उसे नहीं मालूम था कि इस राह पर भी उसके लिए कई संभवताएं थीं।
उसने ढेरों उतार-चढ़ाव करने के बाद कुछ नई सीमाओं से वापस पास पहुंचा, जहां पर उसे फिर से भविष्य की सतह ने भुलाया हुआ था। वह फिर से थम गया था, लेकिन इस बार वह जानता था कि संघर्ष सफल हो सकता है।
अगले कुछ दिनों में उसने उस सीमा को पार कर लिया जो उसने पहले सही नहीं मानी थी। यह सभी उसकी उन्नति की बड़ी उपलब्धि थी।
उस स्थान से उसने आगे बढ़ाई और उसने ऐसे संभव अंत के साथ सामने आने वाली सीमाओं के साथ अधिक समझौता किया। उसने जीवन के अभियान की अधिक समझ की और उस राह पर अपनी उन्नति के लिए धीरे-धीरे बढ़ना जारी रखा।
जीवन को जीना होगा तो संघर्ष का सामना होना भी होगा। अगर समझदारी से उसका सामना किया जाए तो उन्नति का मार्ग जल्दी से खुल जाता है और जब कोई सीमाएं आती हैं तो आप उन्हें कभी न “नहीं” कहने का फैसला नहीं कर सकते।
संघर्ष आवश्यक होता है, आपका निष्ठा आपको आने वाले संभव अंतों के साथ निर्विघ्न रख देती है।