0

दोस्ती का मस्ती एक सुनहरा दिन था जब उस दिन

Title: दोस्ती का मस्ती

एक सुनहरा दिन था जब उस दिन मेरी जिंदगी में कुछ अलग हुआ था। मैं उस दिन स्कूल से वापस लौट रहा था जब मेरी नजर एक नए रहस्यमय अंगण में पड़ी। मैंने वहां जाकर देखा तो उस दिन मेरे जीवन की सबसे अच्छी दोस्ती की शुरुआत हो गई थी।

मैंने उस अंगण में एक सुंदर सा गुलाबी घर देखा। उस घर के बाहर कुछ बच्चे खेल रहे थे। मैंने वहां जाकर उनसे बात की और उनसे पूछा कि वहां किसका घर है। वे बच्चे मुझे बताया कि उस घर में रामु नाम का लड़का रहता है। मैंने उनसे पूछा कि क्या वे रामु को जानते हैं तो वे मुझे उसकी स्कूल में मिलने के लिए बुलाया।

मैंने वहां जाकर रामु से मिला। उसने मुझे अपने घर में बुलाया और एक कुर्ता पहना दिया। उसका दोस्त होने का मुझे सम्मान मिला। उसके घर में खिलौने थे जो मुझे काफी अच्छे लगे। मुझे बहुत अच्छा लगा कि मैंने किसी अनजान बच्चे से दोस्ती की।

उसके बाद से हम दोनों रोज स्कूल जाने लगे और दोस्त बन गए। हम दोनों एक-दूसरे के साथ खेलते और घूमते रहते थे। हम दोनों बहुत ही चंगे दोस्त थे जो हमेशा एक-दूसरे की मदद करते और साथ में बिना किसी योजना के हैंगआउट करते रहते थे।

एक दिन हमने एक वन में घूमने की योजना बनाई। हम वहां पहुंचे तो वहां बहुत सारे जानवर थे। हमने वहां एक झरने के पास बैठ कर बातें की। उस दिन मेरे दोस्त रामु ने मुझे एक उपहार दिया। उस उपहार में एक चीटी थी। मुझे लगा कि वह चीटी काफी खूबसूरत है। महसूस हुआ कि हम अब दोनों सचमुच दोस्त थे और कुछ अलग हुआ था।

हम दोनों जब बड़े हो गए तो हमको समझ में आया कि हमने अपने दोस्ती को कभी नहीं तोड़ा। हम दोनों एक दूसरे के साथ हमेशा खुश रहते और फिर हमने एक-दूसरे को कीलने बिना कई दुःख और मुश्किलों को सामने से जीता।

दोस्ती हमारे लिए काफी जरूरी है क्योंकि यह हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि आठ सालों से ऊपर की उम्र में हम लोगों को जीवन के बहुत सारे विवादों से गुजरना पड़ता है। हम दोस्तों को स्वीकार करते हुए जिंदगी को आसान बना सकते हैं। हम दोनों अनमोल हसीने दौलत हैं जो हमारे साथ हमेशा रहेंगे।

इसलिए, हमेशा अपने दोस्तों को सबसे ऊँचा आदर दें और उन्हें सम्मान दें। आखिरकार हम जब भी हार मानते हैं, तब हमारे दोस्त हमें फिर से उठने के लिए प्रेरित करेंगे।

कागा जी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *