Title: नया शुरुआत का सफर
एक माँ अपनी बेटी के साथ एक नए शहर में रहने का फैसला करती है। वे एक छोटे से घर में रहेंगे जो कि बेहद सस्ता था। बेटी बच्चे की नई स्कूल में भी दाखिला करा दिया था। माँ अनुभव और गुणवत्ता के कारण नौकरी पा लेती है।
समय के साथ, बेटी को एक मुश्किल और बड़ा सवाल का सामना करना पड़ा। एक दिन वो अपनी माँ से पूछती है कि “माँ, यहाँ चीजें इतनी महंगी हैं। क्या हम लंबे समय तक यहीं रहेंगे?” माँ समझती है कि उनकी बेटी ने एक नए समय और स्थान में अविष्कार का सामना करना है।
अगले दिन वे शहर की यात्रा पर निकलते हैं। वे दरवाजों से गुजरते हैं, बाज़ार में घूमते हैं, विश्वविद्यालय जाते हैं और शहर का परिचय लेते हैं। बेटी को इन सब चीजों से काफी खुशी और संतोष होता है।
एक हफ्ते बीत जाते हैं, फिर बेटी अपनी माँ से पूछती है कि “माँ, हमारे यहाँ और क्या स्थान हैं जहाँ हम जा सकते हैं।” माँ अपनी बेटी को शहर के बाहर जाने का प्लान बताती है।
वे अगले हफ्ते शहर से बाहर की यात्रा की तैयारी करते हैं। दोनों ने एक ट्रेन पैक किया और आनंद भरी यात्रा करने वाली पैदल यात्रियों की एक ग्रुप से मिला।
उन्होंने विस्तृत परिसर में एक मंदिर को देखा। यहाँ पर लोग प्रार्थना करते थे, घंटियों को बजाते थे और ध्यान देते थे। बेटी को इसका बहुत सम्मान हुआ। उसने माँ से कहा कि “माँ, प्रार्थना करने से चीजें बदल जाती हैं। मुझे यहाँ फिर से आना चाहिए।”
नयी सीख प्राप्त करने के बाद वे दूसरे तीर्थस्थान जाते हैं। एक आवास-गृह भी देखा जाता है जहाँ ताकत कमजोर और सुस्त लोगों को रहने के लिए संभव होता है। बेटी ने इसके बारे में बहुत सोचा और समझा।
एक और सप्ताह की यात्रा में वे जंगल में जा पहुँचते हैं जहाँ वे ध्यान और चीन्तन में बहुत समय बिताते हैं। उन्होंने इस जंगल में जीव जंतु और पेड़-पौधों का देखा और इसके बारे में जाना। उन्होंने अपनी शहर जैसी जटिलताओं से दूर जाकर सुकून पाया।
इस सफर में उन्होंने नए और रोमांचक दिन देखे और एक-दूसरे को पहचाना। दूर जाकर वे अपनी नए शहर की समझ पाये और ज्ञान प्राप्त कर पाए।
इस सफर से वे दोनों अपने जीवन और जीवन में नए शुरुआत के लिए तैयार हो गए।