बंदर का सच्चा मित्र
ये वह कहानी है जब सनेह, एक छोटा सा बंदर जंगल में रहता था। उसके पास कोई दोस्त नहीं था और वह बहुत तनहा महसूस करता था। वह दूसरे जानवरों को देखकर बहुत रोशनी से भरी आँखों से वह खुद को और तनहा पाकर उदास रह जाता था। एक दिन जब सनेह जंगल में घूम रहा था, उसकी आँखों में एक छोटा देखनेवाला मछली को दिखाई दी। सनेह को बहुत अच्छा लगा और वह तुरंत उसे पकड़ने के लिए अपनी ही दुसरी आँख को भी नीली वर्णमाला में विस्तारित कर दिया।
सनेह ने उस मछली को कितने प्यार से पकड़ा और उसे अपने साथ लाए। सनेह और उसकी नई मित्र मछली अब एक साथ घूमने के लिए तैयार थीं। वे पंडुमनी नदी के किनारे पहुंचे और पानी में कुशी से खेलने लगे। मछली ने सनेह को बहुत खुश किया, जब वह पानी में ऊछले और सनेह उसे पीछे बढ़ने की कोशिश की।
उनकी दोस्ती दिनों-दिन बढ़ती गई और वे हर दिन एक साथ समय बिता रहे थे। सनेह के अलावा किसी और की आवाज सुनना उसे अजीब लगने लगा। वह अपने दोस्त मछली के साथ बहुत हंसता और मस्ती करता था। अपनी मजेदार स्वभाव के कारण सभी जानवर उसे प्यार करने लगे थे।
एक दिन, जब सनेह जंगल में अपने दोस्तों के साथ चल रहा था, उसे एक गहरी खाई में बंदर फंसे हुए दिखाई दिया। सभी जानवर निकटता में जाकर उसे देखने लगे। परंतु कोई भी उसे बँचा नहीं सका। सनेह बेचैन हो गया और पुलिस को बुलाने की कोशिश की।
फिर एक नागरिक ने बंदर को एक रस्सी दिलाई और सभी ने यह सोचा कि बंदर को वहाँ खींचा जा सकता है। परंतु बंदर सनेह के करीब भी नहीं आ रहा था। सभी निराश हो गए और सोच रहे थे कि अब क्या करें, जब तभी मछली सनेह के पर्स में चली गई और रस्सी को खींच कर टूट दी। बंदर को रस्सी के टूटने की आवाज सुनकर उसने ज़ोरदार छलांग मारी और उसने सनेह को खुद में लाया।
सनेह के दोस्त सभी खुशियों के साथ बहुत रिलीफ हुए क्योंकि उन्होंने देखा की सच्ची दोस्ती उन्हें बचा लेती है। उनके मन में अब कोई दूसरी विचार नहीं आया, बस उनकी दोस्ती की महानता और उस दिन सनेह ने बंदर के प्रति कितनी बड़ी महत्वकांक्षा जानी।
सनेह ने उस दिन से पहले कभी भी अकेला महसूस नहीं किया। आज भी जब वह अकेला महसूस करता है, वह मछली की तरफ ईष्ट करता है, क्योंकि वही उसके सच्चे दोस्त होती है। सनेह ने अब तक बहुत सारे दोस्त बनाए हैं, परंतु उसने सारे जीव जंतुओं के साथ भी वह एक खास रिश्ता बनाया है।
इस कहानी ने हमें यह सिखाया है कि हमें खुद को तनहा नहीं समझना चाहिए और हमेशा दूसरों के साथ अच्छी तरीके से संबंध बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए। मजेदार तरीके से मज़बूत मित्रता बनाना एक सुनहरा अवसर है और हमेशा एक आपसी सहायता के साथ खुश रहने की भी गारंटी होती है।
सच्ची दोस्ती वाकई ही अनमोल होती है और हमेशा हमारे साथ रहती है, चाहे हम अकेले कितना ही महसूस करे।