Title: बच्चों के सपने
तीन दोस्त राहुल, मोहन और विक्रांत एक गांव में रहते थे। वे सभी एक स्कूल में पढ़ते थे। इन तीनों के सपने बहुत महत्वपूर्ण थे।
राहुल एक दिन डॉक्टर बनना चाहता था। मोहन वैद्य बनना चाहता था तथा विक्रांत एक इंजीनियर बनना चाहता था। वे सभी इस बात पर अनमोल थे कि यह सब चीजें उनके माता-पिता का स्वप्न भी थे। मतलब यह है कि ये तीनों इन वर्षों में सफल रहेंगे।
लेकिन, एक घटना ने उन्हें उनके सपनों से दूर ले जाने का फैसला किया। उनके स्कूल में एक गांव समूह ने एक प्रतियोगिता आयोजित की थी। इस प्रतियोगिता में बच्चों को अपनी योजनाओं का प्रस्ताव करने के लिए कहा गया था। टॉप चार बच्चों को उनके स्कूल से भाग लेने का मौका मिलेगा। राहुल, मोहन और विक्रांत ने सोचा कि इसमें उन्हें भाग लेना चाहिए ताकि वे देख सकें कि वे कितने तैयार हैं अपने सपनों को पूरा करने के लिए।
अगले दिन स्कूल में, जब वे अपनी योजना करने लगे, तो राहुल, मोहन और विक्रांत एक नए सपने के लिए एकसाथ काम करने लगे। वे सभी एक नई अस्पताल का निर्माण करना चाहते थे। इस अस्पताल का सभी प्रदाताों के लिए मुफ्त थी। इसमें वे यह भी देखना चाहते थे कि अगर ये लोग सफल होते हैं तो वे अंत में अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।
बाद में, वे सभी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए तैयार हो गए। वे सभी उनकी योजना को दिखाते हुए खुश हो गए कि उन्हें चयनित किया गया है।
दौरे के दिन पर, जब वे अपनी योजना प्रस्तुत करने गए थे, तब हर किसी को उनकी योजना देखकर हैरान रह गया। फाइनल में, उन्होंने पहला स्थान जीता लिया। उन्हें लौटते समय एक साथ होता दिखाई दिया कि यह तीनों उनके सपनों को पूरा करने वाले थे।
इस भाग लेने का फैसला लेने से पांच महीने बाद, उन्होंने दंगल खेलते हुए एक विदेशी नागरिक को बचाया। वे सभी ने एक जमीनी सहायक बनकर काम किया था तथा सबने अपने-अपने सपनों को पूरा करने में सफल हो गए थे।
ईश्वर का वह भी बच्चों के सपनों को पूरा करता है जो अपनी मेहनत और एकता के लिए सामूहिक रूप से काम करते हैं।