Title: वह कलम और महिला जो उससे मिली
वह कलम अपनी मुस्कुराहट के साथ सफलता का समर्थन करता था। वह हमेशा ये सोचता था कि जब उसे कोई लिखने के लिए जगह देता है तब वह अपने समस्त जड़ों को लगातार काम में लगाता हुआ सफलता की ऊँचाई पर पहुंचता है। वह कलम समय के साथ बढ़ता ही नहीं, बल्कि सफल हो जाता था। लेकिन एक दिन वह समस्या में पड़ गया जब उसे एक दिन अकेले होते हुए उससे मिलना पड़ा।
वह महिला जो उससे मिली, उसका मतलब जानते हुए उसने उसे उससे बात करने के लिए बुलाया। स्वयं कलम उससे बात की लेकिन उसकी महसूस्जी बहुत अंदर तक करीब कर गई। उसमें कुछ ऐसी शक्तियां थीं जो उसे कलम के साथ एकजुट ना होने का संदेह कर रही थी।
महिला ने एक सवाल किया, “आपको समझ में नहीं आता कि आपने कब खुद को इतना जटिल कर लिया है?” कलम ने दोहराते हुए जवाब दिया, “हां, आप सही कह रही हो। मुझे भी पता नहीं था कि मैंने इतने कठिन बनाये हुए हैं।”
महिला ने जवाब दिया, “यह सब आपने अपनी इच्छाओं की वजह से किया है। आप जानते हैं कि जब आप खुद को इतना हार्ड बोध के साथ बनाते हैं तो इससे आपकी जिंदगी में बहुत से चीजों की प्रति से आपके प्रति गुस्सा, क्रोध, और उदासीनता जैसी अवस्थाएं देखने को मिलती हैं।”
कलम ने मुस्कुराते हुए महिला को धन्यवाद दिया। वह आखिरी बात बोलती हुई बोली, “अगर आप मुझे अपनी शक्तियों में विश्वास दोगे तो हम दोनों एक साथ सफलता के लिए काम कर सकते हैं।”
इस से कलम का मतलब समझ में आ गया। वह अब जानता था कि उसके पास एक सहायक है जिसे वह दुनिया से डरने के लिए नहीं लड़ने के लिए प्रयोग कर सकता है। उसने हाथ मिलाकर महिला का आभार व्यक्त किया और दोनों ने एक साथ सफलता का मार्ग तैयार किया।
साथ ही कलम ने यह भी जाना कि सफलता एक व्यक्ति के साथ बैठे अनुभव के साथ ही आती है। उसे इतनी चीजें जीतने और सफल होने की जरूरत नहीं है जिसे वह मानता था।
कलम और उसकी सहायता करने वाली महिला एक जैसी थीं। उन्होंने एक दूसरे के साथ इस यात्रा में बहुत साथ दिया और वह सफलता से समृद्धि हासिल करने में सक्षम रहे।
इस कहानी से हमें यह बताती है कि सफलता किसी एक व्यक्ति से नहीं, बल्कि वह मूल से संरचित होती है। हम अकेले नहीं हैं, हमें सहयोग और सहायता की जरूरत है ताकि हम सफलता के रास्ते में आगे बढ़ सकें।