Title: समझोता
एक छोटे से गांव में समय के साथ साथ सभी बदलता रहता था। बीते कुछ समय से गांव के लोगों के बीच एक तनाव सा था। गांव के दो सबसे अमीर परिवारों के बीच एक बड़ी लड़ाई हुई जिसमें उनके बीच समझौते की बात हुई थी।
एक दिन एक निरंतर ग्रहण से समझौते की बात होते ही उन दोनों परिवारों के सदस्यों के राजनैतिक सहयोगी ने इस घटना को टविटर पर मचाया और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि इसे राजनीति के ढांचे में ला दिया जाए।
वह लड़ाई कई गुना बढ़ गयी। एक न केवल दोनों परिवारों के बीच हुई थी बल्कि अब गांव के सारे लोगों के बीच अलगाव बढ़ने लगा था। इससे समझौते करना मुश्किल हो गया था।
उन दोनों परिवारों के हितों का कारण अब उनकी आत्मा से बड़ा हो गया था। दोनों परिवारों के जो पुराने धन पूर्वोत्तर भंग करा कर ने की थीं वो राजनीतिक समझौते करने के लिए प्रयास करना था। लेकिन यह उम्मीद थी कि यह सुलझ जाएंगी इससे बढ़कर राजनीतिक सम्बन्ध बदतमीजी का कारण हो जाएंगे।
महात्मा गांधी के साथ हमेशा समझौते से ज्यादा संवाद करना ज्यादा सही होता हैं। महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक शानदार संवाद हुआ जिससे परिवारों के समझौते जल्द तैयार हो गए। दोनों का मनोबल गिर जाता था लेकिन संवाद के बाद दोनों समझौते पर अमल करने को तैयार हो गए।
अब गांव के लोग फिर से एक हो गए। सभी यह जानने के लिए उत्सुक थे कि वे जोड़ कर रहा हैं। सभी बहुत खुश थे कि कहीं शांति और अखंडता लौट आए।
इस लड़ाई से मेरे जीवन में मुझे एक सीख मिली हैं कि हमें जिंदगी में कभी गलत फैसलों पर अपनी आत्मा तथा कारणें समझने चाहिए। हमेशा प्रेम व शांति को खोजें जो हमें सुलझने में मदद कर सकती हैं। तब हम दूसरों से समझौते कर सकते हैं और अखंडता लौटा सकते हैं।
अब उन दोनों परिवारों के सदस्यों के बीच एक खुशहाल संबंध बन चुका था। साथ ही गांव के समस्याओं का समाधान भी निकल आया था। दोनों परिवारों के सदस्य अब दोस्ती-प्यार से जुड़े रहने लगे थे जो गांव के भविष्य में एक डील बने लाये थे।