Title: अज्ञातवासी (The Unknown Resident)
थोड़ी देर पहले की बात है, जब एक स्टूडेंट हॉस्टल में एक अज्ञातवासी ने रहने का निर्णय लिया था। उसने कुछ भी नहीं बताया था अपने बारे में। वह कुछ खाने की चीजें खरीदता था, जिससे उसे समझा जा सकता था कि वह एक छात्र था।
जब उसकी मदद के लिए दोबारा जाने में ट्रस्टीज ने उसे अपने रूम में ले जाया था, तो उन्होंने उसे जानने की कोशिश की। परंतु कुछ भी नहीं मिला। वह चुपचाप बैठा रहता था। समझ नहीं आता था कि उसके मन में क्या चल रहा होगा।
उसे देखते हुए एक स्टूडेंट ने पूछा, “तुम्हें नहीं बताना चाहिए कि तुम कौन हो?” लेकिन उसने भी कोई जवाब नहीं दिया।
चारदीवारी ने उसे बहुत नकारात्मक ढंग से ट्रीट किया। वह कुछ खाने के खिलाफ तलवार निकालते थे और उसकी बात की मिसाल हमेशा ही बनती थीं।
एक रात चारदीवारी सो रहे थे, जब अज्ञातवासी ने उनकी रुपरेखा देखी। उसने उनके घर के लिए भरोसा हासिल कर लिया।
अगली सुबह, चारदीवारी के घर के बाहर वह अज्ञातवासी खड़ा हुआ था। उसने उन्हें 5 हजार रुपये दिये और कहा, “उस रात आपने मुझ पर विश्वास रखा और मेरी मदद की। इसलिए मैं आपको धन्यवाद देने आया हूं। मैं एक सफल स्टार्टअप में निवेश करता हूं और मेरी मदद आपके काम आ सकती है।”
चारदीवारी उसकी मदद से अपने घर को बेहतर बनाने लगे। धीरे-धीरे, अज्ञातवासी खुलेआम सबको अपने बारे में बताने लगा। उन्होंने अपने पिछले स्टार्टअप की बात की जिसमें उन्हें अपनी पूरी संपत्ति खो देनी पड़ी थी। वह निराश हुआ था लेकिन फिर उन्होंने एक नया स्टार्टअप शुरू किया था। इस स्टार्टअप ने वास्तव में कमाई शुरू कर दी थी इसलिए वह लोगों को मदद करना चाहता था।
उसके साथ गुड़गांव के घरेलू कामगारों के लिए नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने की बात भी संभव हुई।
जल्द ही उसने अधिभारियों को संपर्क करके और अपनी निगरानी के तहत दक्षता के साथ काम करने वाले कामगारों का चयन करके अपने कार्यक्रम के निर्माण में मदद मांगी।
अगले छठे महीने तक, वह वास्तव में अपनी पहचान बना लेता है। उसका स्टार्टअप प्रति माह 5 करोड़ रुपये की आय उत्पन्न करता जा रहा था।
अज्ञातवासी का रहस्य खुल गया था। इस थोड़ी सी मदद ने एक आदमी की जिंदगी बदल दी थी। उसने पंजीकृत कंपनी से एक स्टार्टअप तक खड़ा कर दिया था। आखिर वो कौन था जो धीमे से धीमे सबको अपनी तरफ खींचता गया था?
वह आदमी थे सर्जरी में ट्रेनिंग लेने वाले एक डॉक्टर। उसे अपने खुराक के लिए धन परेशान नहीं होना चाहिए था इसलिए वह एक स्टार्टअप शुरू करने का निर्णय लिया था। उसने अपने शुरू की स्टार्टअप में पूरी लगन और समर्पण से काम करते हुए नयी पहचान बनाई थी। वह आदमी थे, जिन्हें अब जितने लोगों की मदद चाहिए, वे उनके काम लिए बदल जाएंगे और कार्यक्रम जो सामूहिक तौर पे चलता है, न केवल लोगों की मदद करेगा, बल्कि उन्हें स्रवण भी करेगा।
इसी कहानी को समझ लेंगे। किसी अज्ञातवासी में कितना दम होता है वह ज्ञात नहीं होता है। आप किसी को देखते हैं और सोचते हैं कि उसके पास कुछ नहीं है। लेकिन आप उन्हें अपने असली खजाने में से एक बाकी रीती से हस्ताक्षर करा देते हैं।
यह सब समझाया जा सकता है जब आप लोगों के साथ हैं, उनसे बातें करते हुए मुश्किलों से जूझते हुए उनकी मदद करते हुए करोड़पति होते हुए नहीं बल्कि अपनी संसार में वह आदमी बनते हुए।
अगर आप इस कहानी से कुछ सीख सकते हैं, तो आप जानते होंगे कि यही वोही दिशा है जो हमें सफल बना सकती है।