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एक जुगलबंदी की कहानी उस दिन, दूसरी कक्षा में साहिल ने

एक जुगलबंदी की कहानी

उस दिन, दूसरी कक्षा में साहिल ने अपने पहले मित्र बनाए। वो एक आँख मौन था, साहिल ने उसे एक गहरी मित्रता का प्रतीक माना था। दोनों एक साथ हंसते खेलते थे।

एक दिन, कक्षा में एक नई लड़की आई, जिसकी नाम पूजा था। वह बड़े घर की बेटी थी जो नयी नयी शहर में आई थी। शुरुआत में, वह कुछ हटकर थी और उसे स्कूल में एक दोस्त नहीं मिल रहा था। साहिल उसे रोज़ प्रश्नों का जवाब देने लगा और दोनों मित्र बन गए। शहर में एक नया जोड़ा बनता हुआ लोगों की निगाह में रहता था।

समय बीतता गया और साहिल पूजा के साथ अधिक खूबसूरत बना। इस दौरान साहिल ने बचपन के दोस्त पर ध्यान नहीं दिया। उसका दोस्त उसे समझने की कोशिश करता, लेकिन साहिल तो सिर्फ पूजा से मिलने में लगा रहता था। उसका दोस्त चुपचाप चला गया।

एक दिन साहिल की प्रियतम पूजा अपने घर पर फ्लू हो गयी। उसका दोस्त उसे उसे उसके अस्पताल पहुंचाने में मदद करने के लिए तैयार रहता था। साहिल ने अपने दोस्त की मदद नहीं की और उसे अकेले ही अस्पताल पहुँचना पड़ा। पूजा थोड़े डरी हुई थी और बहुत कमजोर एहसास हो रहा था, थोड़ी देर बातचीत के बाद साहिल की चेतावनी हुई कि वह अपने दोस्त का कहा माने और उससे मदद माँगे।

शुरुआत में साहिल ठोस रूप से अपनी गलतियों को स्वीकारने से पिछले हफ्ते में नहीं था। लेकिन अब वह समझ रहा था कि वह दोस्त को एक जुगलबंदी का हिस्सा शामिल करना चाहता था। साहिल ने अपने दोस्त से माफी मांगी और दोनों एक नई जुगलबंदी का हिस्सा बन गए।

उस दिन से साथ जीवन आसान हो गया। दोनों सहनशीलता, स्वीकार्यता और गहरी मित्रता से जुड़े रहते थे। उनके जीवन में पूजा की जुगलबंदी उन्हें सपोर्ट करती थी और समस्याओं को हल करती थी।

कुछ समय बाद, साहिल ने इस जुगलबंदी की उपलब्धि को ध्यान में लेते हुए, एक दूसरे को वर्तमान में असमान या अप्रत्याशित स्थितियों में समर्थ रहने की आवश्यकता को समझा। जब दोस्तों में समस्याएं उत्पन्न होती हैं, तो साहिल बेहतरीन समाधान हो जाते हैं और पूजा भी उसी प्रकार सहयोग करती है जैसे उसने इन दोनों के जीवन में मदद की थी। दोनों बड़े हो गए और अब भी एक-दूसरे के साथ खुश रहते हैं। ये जुगलबंदी कभी नहीं तोड़ेगी।

समय बीतता गया और एक दिन, साहिल ने जुगलबंदी को एक फ़ोटो में बनाया। उसी फ़ोटो के आरम्भ में उसका एक दोस्त फिट नहीं हो पाया. फिर उसे याद आया कि जिस तरह उसने पूजा से मदद माँगी थी, वैसे ही उसे अपने दोस्त से मदद लेनी चाहिए। उसने उसे एक मित्र बनाया और फोटो में जुड़वाँ दोस्तों के रूप में शामिल किया।

एक जुगलबंदी का चमकता हुआ समूह अब घोषित करने के लिए था, कि उस दिन से दोनों दोनों विद्यालय के भीतर और विद्यालय के बाहर एक दूसरे का साथ देंगे।

कागा जी

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