एक दोस्ती जो सुलझती नहीं थी
एक छोटे से गाँव में रहता था एक लड़का जिसका नाम हर्ष था। वह बड़ा होने के बावजूद बहुत शरारती था और उसे अपनी सबसे अच्छी दोस्त की तलाश थी। एक दिन उसे उसकी पड़ोसन लवली मिली और वह उससे दोस्ती कर ली।
लवली बहुत ही मीठी थी और उसे हर्ष की शरारतों से कोई शिकायत नहीं थी। एक साल बीत जाने के बाद थोड़ा सा झगड़ा हो गया और वह दोनों अलग हो गए। हर्ष वापस अपने शरारतों में पड़ गया और लवली स्कूल में पढ़ने लगी।
एक दिन हर्ष का दिल भर गया और वह लवली से मिलने चला गया। लवली ने उसे देखा तो वह थोड़ा सा डर गई। हर्ष उससे माफी मांगने आया था। लवली ने उसे माफ कर दिया और उन्होंने फिर से दोस्ती कर ली।
पर उनकी दोस्ती इस बार सुलझती नहीं थी। हर्ष उसी तरह शरारती रहा और लवली पढ़ाई में लग गई। उन्होंने एक दिन फिर से झगड़ा कर लिया और दोनों अलग हो गए।
एक दिन हर्ष को एक पत्र मिला जिसमें लिखा था कि लवली बहुत बीमार हो गई है और उसको होस्पिटल में भर्ती कर दिया गया है। हर्ष को याद आया कि वह उसकी एक मात्र दोस्त थी और उसके सबसे अच्छे दोस्त को कोई भूल नहीं सकता।
हर्ष लवली को होस्पिटल में जाकर मिलने गया और उसे वहाँ से डिस्चार्ज करवाने में मदद की। आखिरकार, उनकी दोस्ती फिर से जीत ली गई और वे फिर से पहले जैसे दोस्त हो गए।
दोस्तों के बीच सुलझती नहीं है जब तक वे एक दूसरे के शानदार दोस्ती का महत्व नहीं समझते हैं।