Title: एक प्रेरणादायक कहानी (A Motivational Story)
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब लड़के का जन्म हुआ। उस लड़के का नाम था रामू। जब रामू पैदा हुआ तब उसके माता-पिता बहुत खुश थे। पर इंतजार से भी बड़ी उनकी प्रतीक्षाएं सफल नहीं हुई। रामू के पिता घर बचाने के लिए हर दो महीने तक से उधार लेने जाते थे। लेकिन उनलोगों के पास उतना पैसा भी नहीं था। इसलिए वह दुकान में खुद भी काम करते थे और रामू को भी साथ लेते थे।
रामू को भी दुकान में बैठाते और उन्हें बड़े बॉस की मदद करने के लिए काम देते थे। उसकी माता गांव से संभल नहीं सकती थी क्योंकि वह रोज उसे अपने साथ नहीं ले जा सकती थी। पर वह चाहती थी कि रामू को पढ़ाई और ज्ञान हासिल करने का मौका मिले।
एक दिन एक स्कूल में रामू के दोस्त जा रहे थे। वह इस विषय पर बातचीत कर रहे थे कि रोजगार के बिना कोई भी शिक्षा नहीं होता है। उन्होंने रामू की चिंता करना शुरू कर दी। एक उसके दोस्त ने कहा कि “आपको पता है, रामू बड़ा होकर एक बड़ा आदमी बन सकता है, जो उन्हें संदर्भ के साथ रोजगार प्रदान करता है।”
रामू ने पहले तो समझा नहीं लेकिन वह उनके दोस्तों से समझता जा रहा था। उस दिन से, रामू और उनके दोस्तों ने संवाद शुरू कर दिया और वे पढ़ाई और शिक्षा के बारे में सोचो विचारों का दौर शुरू कर दिया। रामू ने उनके साथ फुल धाम से शामिल होकर पढ़ना शुरू कर दिया।
स्कूल के माध्यम से, रामू को खूब से खूब सीख मिला। वह कई तरह के सुविधाकों से उस स्थान में पहुंच गया जहाँ उसकी माता नहीं पहुंच सकती थी। रामू ने सोचा कि अब वह अपने परिवार के लिए रोजगार प्रदान कर सकता है।
रामू ने अपने दोस्तों के साथ उस ऊँचे मकान पर अपना कारोबार शुरू किया। अपनी कंपनी और उसकी संचालन प्रणाली के बारे में वे काफी सोच विचार करने लगे। पहली नजर में यह कठिन लगा, लेकिन उन्होंने विरासतवालों के साथ उन्हें ऊँची स्थिति में देखा था। रामू थोड़ा सोचने के बाद, अपनी संपत्ति कमजोर लोगों को बचाने के लिए अकेले अपनी कंपनी की शुरुआत करने की तैयारी की।
रामू अपने करोबार में काफी सफल रहा। लेकिन कुछ समय बाद उसकी कंपनी से कोई भी लाभ नहीं होने लगा। एक दिन उसने आँख खोल दी कि संचालन प्रणाली उसके करोबार में सफल नहीं हो रही है। उन्होंने अपने सभी कर्मचारियों को दिया कि वे कंपनी को बचाने के लिए समय, उत्साह और उनसे संबंधित बातों से संबंधित कार्य करें।
रामू के उत्साह और उनके कर्मचारियों के सहयोग से, उनकी कंपनी फिर से एक उद्यम के रूप में शुरू हुई। उस परिश्रम और अपने स्वप्नों के प्रति रूझान का आभास आज रामू के लिए नहीं होता था।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब हम आगे बढ़ते हैं, तो हमें अपने संदर्भों के साथ साथ अपनी संख्या के आधार पर आगे बढ़ना चाहिए। रामू ने इस प्रतिज्ञा से खुद को चुनौती दी कि वह एक सफल व्यवसायी के रूप में सफल होगा। ऊर्जा की संख्या नहीं, आम जनता की संख्या के आधार पर उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि एक स्वयंसेवक व्यवसायी कैसे बनता है।
इस से हम यह सीखते हैं कि कुछ समय बाद जब आप आगे बढ़ते हैं, तो हर एक कर्मचारी के साथ साथ उनके उत्साह के अनुरूप प्रणालियों या विद्यालयों के साथ दूसरे लोगों से बात करना शुरू कर देना चाहिए। रामू की सुनहरी आत्मा और सकारात्मक सोच से हम सभी प्रभावित हुए हैं।
आप नहीं जानते होंगे पर यह रामू की शुरुआत मेरे संदर्भ में ही थी। जब मैंने संज्ञेतों का पढ़ना शुरू किया तो मुझे यह कहानी बहुत पसंद आई थी। मुझे वह एक प्रेरणादायक कौशल से लोगों को मोटिवेट करती थी। उन्होंने एक सकारात्मक मुद्दे के आधार पर नहीं, बल्कि अपने संदर्भ के साथ आगे बढ़ने के लिए खुद को चुनौती दी।
इससे हम अच्छी तरह से समझते हैं कि अमीर या गरीब व्यक्ति सभी की संख्या रैंक नहीं होती है। आपकी ऊर्जा आपके जीवन की नेव होती है जो आपको उन अधिकारियों से करेगी जो आपको आगे बढ़ने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। रामू ने खुद को चुनौती दी और अपनी प्रतिज्ञा के साथ अपने संदर्भ के साथ आगे बढ़ा।
इस कुंजी को आप सफलता के गुणों में लागू कर सकते हैं, इसके लिए आपको अपने संदर्भ के साथ आगे बढ़ना चाहिए। मेरी अपील है कि आप भी रोज कुछ नये करने का संकल्प ले और अपने स्वप्नों को पूरा करें।