खुशियों की छटी
श्रीराम ने दिल्ली के एक छोटे से गांव में अपना घर बनाया था, वहाँ जाकर उसे बेहद खुशी हुई। उसने घर के लिए बहुत मेहनत की थी, और उसे यह खुशी मिल गई कि उसका स्वप्न पूरा हो गया। उसने घर के सामान को लेकर प्रतिनिधि से बात की थी। जब श्रीराम बेहद खुश था तब वह अपने ड्राइवर समेत गांव के मंदिर जा रहा था। राह में श्रीराम ने ड्राइवर से पूछा कि तुम अभी तक कभी शादी नहीं की होती, क्यों। ड्राइवर ने उत्तर दिया कि उसे अकेलेपन से बचना होता है, और उससे सलाह दी गई थी कि शादी जल्दी से कर लो। इसे सुनकर श्रीराम ने सोचा कि ड्राइवर को कुछ खुशियां देनी चाहिए। उन्होंने सोचा कि मैं उन्हें अपने जन्मदिन पर गोल्फ का खेल खरीदूंगा।
एक हफ्ते बाद श्रीराम ने अपने जन्मदिन मनाने के लिए सभी अपने दोस्तों को बुलाया। उन्होंने अपने ड्राइवर को भी बुलाया, और उसे गोल्फ का खेल खरीद दिया था। ड्राइवर बहुत खुश हो गया, उसे कभी अपने जीवन में इतनी खुशी नहीं मिली थी।
सभी लोग श्रीराम के घर पहुँचे थे और उन्होंने सभी का स्वागत किया। उन्होंने तोहफों को उपहार के रूप में दिए जैसे एक कुत्ते को एक जबड़ा, एक बिल्ली को एक रेढ़ की चोटी आदि। ड्राइवर को गोल्फ का खेल मिला और उसे बेहद खुश था। उसने कुछ खुशियां खरीदी और अपने परिवार के साथ टाइम पास करना शुरू कर दिया।
उसी समय श्रीराम अपने दोस्तों के साथ घर के बाहर गोल्फ का खेल खेल रहे थे। उन्हें खुश देखकर ड्राइवर अपने आप को बेहद खुश महसूस कर रहा था। उसने महसूस किया कि उसकी शादी न होने की वजह से वह कहीं खो चुका था।
धीरे-धीरे रात आने लगी और सभी लोग अपने-अपने लिए धार्मिक कार्यक्रम खत्म करने के बाद घर जा रहे थे। श्रीराम साथ में चल रहे ड्राइवर के साथ होने लगे थे। इस दौरान उन्होंने ड्राइवर से शादी कर लेने की बात की। ड्राइवर खुश हो गया, लेकिन कुछ चिंताएं भी थीं। उसकी बुधि उसने उसकी परेशानियों को समझते हुए उससे पूछा कि उसे डोनेट करने के लिए कुछ पैसे होंगे या नहीं। श्रीराम ने उससे कहा कि वह उसे ढोल उत्सव के दौरान अपने अकाउंट से सीधे रुपये दे देगा।
ड्राइवर बेहद खुश था और बहुत जल्द उसकी शादी हो गई। शादी के बाद वह बहुत खुश हो गया और उसने कुछ नई समस्याओं से निपटना शुरू किया। उसने कई लोगों को आपने जीवन में आने दिया और वह अपने जीवन को बेहद खुशी के साथ जी रहा था। इस तरह श्रीराम ने किसी की जिंदगी बनाई और अपने प्रयासों से एक व्यक्ति को प्रेरित किया।
इस कहानी से यह सीखना चाहिए कि हम अपने आसपास के लोगों को खुश रखना सीखें। हमें बस इसे करने के लिए धैर्य और सामर्थ्य की जरूरत होती है। जिसे हम कुछ जीत जाते हैं, उसे हमें निश्चित रूप से अड़िग रखना चाहिए। यह हमारे जीवन में आने वाले नए आधार बनाने में हमारी मदद कर सकता है और हमें अगले स्तर तक पहुँचने में मदद कर सकता है।