Title: दरबार का राजकुमार
जंगल के दायरे में एक राजवंश राज करता था। उस राजवंश का दरबार सभी के लिए फिरंगी जंगल में भी एक संगम मुक्त जगह बन गया था। वहां के जंगली लोग तो वहां के राजा के नाम का रोशनी कहते थे।
शहर में एक अमीर व्यक्ति था जो अक्सर दरबार में जाया करता था। एक दिन दरबार में अमीर व्यक्ति को एक लड़का दिखाई दिया। उसकी उम्र लगभग पंद्रह साल थी। जब दरबार का पूछा गया कि यह लड़का कौन है, तो उसकी माँ बताई कि वह जंगल में रहती हैं और इस लड़के का पिता उनको छोड़कर चले गए थे। उस लड़के को दरबार में रहने की इजाजत दे दी गई।
उस लड़के के साथ उस अमीर व्यक्ति का बेटा भी था। उसे उसके नाम से और उसके पैतृक जाति से बुरे अनुभव होते थे। जब वह अपने घर वापस गया, तो उसने दरबार में देखे लड़के की शिकायत को लेकर अपने पिता से बात की। उसके पिता की राजधानी में ही कुछ समय से नए बंदूकों की कारोबार शुरू हुई थी। इससे वह अक्सर धन कमाने में जता रहता था और अपने परिवार से कम वक़्त देता था। उसने अपने बेटे से कहा कि दरबार में उस लड़के का संस्कार चलता होगा।
उस संस्कार में उसका बेटा भी मौजूद था। वह देख रहा था कि कैसे वह लड़का तुश्नीमिज़ाज था और खुशी की कोई जगह नहीं थी। बाद में, जब वह उसे दरबार से बाहर गया तो उसने उससे पूछा कि वह इतना उदास क्यों हो रहा था।
उस लड़के ने बताया कि वह दरबार में जहां सभी लोग प्रतिष्ठित होते हैं, वहीं पर उसे अपनी दुबई-वाले और फ़ायर-वाले पापा की याद आती है। उसने इसे समझाने की कोशिश की, लेकिन उसे समझ में नहीं आया कि उसे दरबार में जाने की इजाजत कैसे दी गई थी।
अमीर व्यक्ति ने अपने बेटे को बताया कि यह इंसानियत का संस्कार है, जो हमें दूसरों के संज्ञान में लाना चाहिए। उसने अपने बेटे से कहा कि आप इस लड़के के साथ कुछ दिनों तक समय बिताइए और उसके साथ खेलिए और देखिये कि उसे कैसे मानसिक आराम मिलता है।
उसका बेटा उसे अपने संयम का अनुभव कराने के लिए उस सीख को अपने बेटे से सिखाने के प्रयास में था। एक दिन, उसने उस लड़के के साथ बात करते समय पूछा कि वह अपने फ़ायर-वाले पापा से कब मिलता है।
लड़का ने बताया कि वह इनाम-गाँव में एक बड़े परिसर में रहते हैं और राजकुमार से भी मिलता है जब वह आते हैं। उसने बताया कि उस धरती का छठा शासक जो हमें शांति से रहने देता है फ़ायर-वाले के साथ मित्र था।
उस राजकुमार से मिलने की तमन्ना से अमीर व्यक्ति ने उस लड़के को साथ ले जाने का फ़ैसला किया। रास्ते में, अमीर व्यक्ति ने उस लड़के से कहा कि वह राजकुमार से इंसानों को अलग करने के लिए कोशिश करते हैं।
उसे उसकी बातों से परेशानी हुई और वह दरबार से भाग निकला। बाद में, इस घटना के बाद वह लड़का खुश नहीं था और वह दरबार में नहीं जाना चाहता था।
अमीर व्यक्ति ने उसे उसकी खुशी को बढ़ाने के लिए उसके साथ बसते हुए दिनों में कई खेल खेलें। उसने अपने बेटे से कहा कि जब वह अधिक बड़ा होगा, तब वह हमेशा से उसे बिना किसी समस्या के दरबार में ले जाना चाहिए।
इस बच्चे क्षुद्र से शुरुआत को जीत गया और आज वह दरबार का सबसे उच्च अधिकारी है। उसके अंदर का उस संस्कार ने उसे सफलता तक ले जाने में मदद की।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि दुनिया में हर इंसान को एक समान देखा जाना चाहिए और इसलिए हम किसी भी समय में किसी को समझना नहीं चाहिए।