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दोस्ती का एक अनमोल रिश्ता जिम्मी और रोहित दो बेहतरीन दोस्त

दोस्ती का एक अनमोल रिश्ता

जिम्मी और रोहित दो बेहतरीन दोस्त थे। वे एक साथ स्कूल जाते और विद्यालय से आते शाम को फिर मिलते थे। दोनों मिलकर खेलते, गाते, झूमते और बहुत मजे करते थे।

उनकी दोस्ती काफी पुरानी थी। वे एक-दूसरे के मासूम सपनों का साथ देते थे। वे जब भी आसमान की तरफ देखते थे तो उनके होंठों पर मुस्कुराहट आ जाती थी।

जिम्मी का घर बड़ा था और वहां खेलने के लिए बहुत जगह थी। जबकि रोहित अपने छोटे घर में रहता था। लेकिन यह उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता था क्योंकि वे अपनी दोस्ती से खुश थे।

अगले सप्ताह रोहित के जन्मदिन के मौके पर जिम्मी ने उसे अपने घर में जरा संभल-कर मनाने की सलाह दी। जिम्मी ने एक बहुत अच्छी तरह से सुविधित करें और उसने रोहित के सभी दोस्तों को भी बुलाया।

लगभग सभी रोहित के घर आ गए थे जब एक नया दोस्त ने एक बॉल को बहरे में बहा दिया। रोहित ने उससे कहा कि वह उसे वापस ला सकता है। वह बाहर नहीं जा सकता था क्योंकि उसे देखा नहीं जा रहा था। जब सभी भागने लगे थे, तो जिम्मी ने देखा कि रोहित के हाथ बहुत दर्द कर रहे हैं।

रोहित के हाथ में बड़ी चोट थी। जिम्मी अपने घर से लाया एक पहिया वाली कुर्सी ताकि वह इसे बाहर नहीं ले जाना पड़े। जिम्मी ने रोहित को चुपचाप उस पहिया वाली कुर्सी पर चढ़ा दिया और उसे अपने घर में खुशी-खुशी साथ खेलने बुलाया।

फिर उनकी दोस्ती बड़ी हो गई। जिम्मी ने रोहित की अच्छी सेवा की और रोहित ने सबके लिए एक दोस्त बना लिया। उनकी दोस्ती कुछ इस तरह ही बढ़ती बनती गई कि उसे कोई टूटने का खतरा नहीं था।

दोनों हमेशा एक दूसरे की मदद करते थे। जब कोई इसे ठीक नहीं था तो वे दूसरे के साथ बैठ कर उनके लिए दुआ की घड़ी का इंतजार करते थे। यदि कोई कुछ भूलता था तो दोनों साथ में उसे समझाते थे।

कभी-कभी उन्हें झगड़ा भी होता था लेकिन फिर वे दोनों अपनी गलतियों के लिए संघर्ष करते थे और फिर शीघ्र ही दोबारा एक-दूसरे के साथ खुश समाये जाते थे।

जिम्मी को अपने दोस्त से बहुत प्यार था, लेकिन उसे आज यह समझ में आता था कि दोस्ती रोहित के लिए भी बहुत अहम हो गया था।

आखिरकार, जब वे दोनों बढ़ते रहे तो इन दोस्तों ने एक-दूसरे के बाकी दोस्तों को भी एक साथ जोड़ दिया और उनकी दोस्ती को भी जमीन पर ले आए। दोस्ती उम्र भर जीवन भर के लिए थी।

आज, जब आप दोनों को मिलते होंगे, तो आप सहानुभूति और प्रेम के साथ उनके साथ साथ होंगे। वे कितने खुश होंगे जब उनको पता चलेगा कि उनकी दोस्ती हमेशा उनके साथ रहने के लिए हमेशा तैयार है।

दोस्ती एक बहुत ही खूबसूरत वस्तु है जिससे हमें सुख मिलता है, और जब हम अकेले महसूस करते हैं, तो हम याद करते हैं कि ये समय न सिर्फ हमारे पास है, बल्कि अन्यों के साथ साझा करने के लिए भी है।

कागा जी

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