दोस्ती का रंग
एक छोटे से शहर में रहने वाले राज को दोस्ती करने में बहुत मजा आता था। वह हमेशा लोगों को जोड़ने के लिए कोशिश करता था। राज की एक बड़ी दोस्त थी जो उससे बहुत अलग थी। उसका नाम था अनुभव, वह रंग के बिना दुनिया में कुछ भी नहीं था। वह हमेशा रंगों के बारे में सोचता था और अपने प्रिय रंग के बारे में और अच्छे सोचता था। वह हमेशा लोगों के साथ होली खेलता था और खुद को रंगीला बनाने के लिए सभी रंगों का सहारा लेता था।
राज और अनुभव एक दूसरे से बहुत अलग थे लेकिन उनकी दोस्ती बेहद मजबूत थी। वे अपनी दोस्ती का इस्तेमाल करके अपने रंगीन सपनों को पूरा करने में सक्षम हो गए। रंग और रंगीन ड्रेस से लेकर रंगों के साथ खुश रहना, दोनों के लिए बहुत जरूरी था।
एक दिन, राज ने अनुभव को एक पार्टी में बुलाया जहाँ एक प्रतियोगिता आयोजित की जा रही थी। यह प्रतियोगिता कुछ ऐसा था कि लोगों को आधार पर ही एक जड़ से चुन लेना था और उन्हें अपने ओर खींच लेना था। राज चाहता था कि अनुभव इस प्रतियोगिता में शामिल हो।
अनुभव ने सम्मति दे दी और दोनों कमरों बजे पहुँचे। यहाँ उन्हें एकल ठीक नहीं लग रहा था। उन्हें अधिक रंगों की आवश्यकता थी ताकि वे अपने आकर्षक क्षमताओं को प्रदर्शित कर सकें। उन्होंने प्रतियोगिता शुरू होने से पहले अपने रंगों को बढ़ाया और अपनी आकर्षक मुस्कान दिखाई।
प्रतियोगिता शुरू हुई, रंगों के साथ ही अनुभव ने जीत हासिल की। वह चौंक गया कि वह जीत नहीं पा रहा था क्योंकि वह धन्य नहीं था, जैसे उसे लगता था कि दोस्ती के रंग सबसे महत्वपूर्ण होते हैं।
राज ने उसको इस बारे में बताया कि दोस्ती एक बहुत अहम चीज है जो रंगों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। उसने अनुभव को याद दिलाया कि वह जीत हासिल करने के लिए मात्र रंगों से आधारित नहीं होता बल्कि उसकी प्रभावशीलता जीत के लिए आवश्यक है।
अनुभव ने उस समय राज के वचन पर ध्यान दिया और मैं आशा करता हूँ कि सभी को यह यकीन होगा कि अनुभव और राज एक बेहद खूबसूरत दोस्ती के उदाहरण होते हैं जिससे इस दुनिया को सुंदर बनाने का प्रयास किया जाता है।