Title: दो सहेलियों की दोस्ती
अमिता और अर्चना दो सहेलियां थीं। वे एक ही कक्षा में थीं और बहुत अच्छी दोस्त थीं। उनमे से एक अमिता बहुत ही सामान्य घर की लड़की थीं, जबकि दूसरी अर्चना बहुत ही अमीर घर की लड़की थीं। लेकिन इन दोनों में कोई फर्क नहीं था, दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थीं।
एक दिन अमिता ने अर्चना को अपने छोटे घर की कुछ मस्जिदों के बारे में बताया जहाँ उन्हें रोजाना सुबह-शाम सलामी देनी होती थी। अर्चना बहुत ही आश्चर्य और खुश हुई। अगले दिन से वह भी अमिता के साथ सलामी करने लगी।
आसपास के लोग इन दोनों के इस नये संबंध से बहुत खुश हो गए क्योंकि उन्हें यह लगता था कि इन दोनों के बीच में एक सच्ची दोस्ती हो गयी है।
कुछ समय बाद अर्चना के पास अपने जन्मदिन के लिए बहुत सारी उपहार मिले। लेकिन उसमें से एक उसे बहुत ही पसंद नहीं आया। यह उपहार पार्टी में ही फेंक दिया गया।
उसके जन्मदिन के बाद अर्चना और अमिता सामने आयीं थी, अर्चना को खुश नहीं देख कर अमिता ने पूछा तुम्हे अपने उपहारों में से कोई नहीं पसंद आया क्या?
अर्चना ने बताया कि एक जूता उसे पसंद नहीं आया था और उसे लगता है कि उसने कुछ गलत कर दिया होगा जो उसे उसका मन पसंद न करने की सलाह दी।
यह सुनते ही अमिता ने उसे उसे एक मिठाई के पैकेट में उसी जूते के साथ से फिर से उपहार गिफ्ट किया।
अर्चना बहुत खुश थी क्योंकि उसे यह महसूस हुआ कि अमिता तो वही पुरानी दोस्ती है, जो कभी नहीं टूटेगी। दोनों की दोस्ती उस दिन से मजबूत हुई और वे एक दूसरे को कभी भूलना नहीं चाहती थीं।
तभी अमिता के घर पर एक भूखंडी आया। वह बेचारा दिनों से भूखा था और बिना खाए सोता था। अमिता ने उसे खाना खिलाया और अमिता के पास से उसे अपने घर से लोगों के लिए खाना लेकर जाने के लिए कहा।
अमिता और अर्चना दोनों ने उसे खुशली के साथ साथ खाना दिया। अमिता ने उसे दोनों के घर से खाना लेकर जाने के लिए उसे भी अपने साथ ले जाने को कहा।
वह दो दोस्तें आज भी एक दूसरे को हर मुश्किल में सहायता देने के लिए तैयार रहती हैं। इन दोनों के बीच एक अनोखी दोस्ती है जो स्कूल से लेकर हमेशा तक चली रहेगी।