Title: नया आशीर्वाद
एक छोटे से गांव में एक बूढ़ी महिला रहती थी, जिसका नाम रामदुलारी था। रामदुलारी बहुत ही निष्ठावान और धार्मिक महिला थी। वह दिन में तीन बार मंदिर जाती थी और वहाँ दीप जलाती थी। रामदुलारी को धर्म और कर्म दोनों का बहुत ही ज्ञान था। वह जानती थी कि जीवन में हर छोटी-बड़ी समस्या का समाधान धर्म में है।
एक दिन रामदुलारी के घर में एक स्वामीजी आये, वह बहुत ही शांतिपूर्ण व्यक्ति थे। रामदुलारी स्वामीजी के साथ बैठते ही उनसे बात करना शुरू कर दी। वह स्वामीजी से अपनी जिंदगी की समस्याओं को बताने लगी।
रामदुलारी ने स्वामीजी से बताया कि अब तक उसे जब भी मुश्किलें आती थी, तब वह धर्म की मदद से ही समाधान पाती थी, लेकिन अब उसके जीवन में एक और मुश्किल आ गई थी जिसके बारे में उसके पास कोई समाधान नहीं था।
रामदुलारी बताने लगी कि उसके बेटे के बच्चों को एक ऐसी बीमारी हुई थी जो दवाई से ठीक नहीं होती थी। वह तनाव में थी और चिंता कर रही थी कि उसे अपने बच्चों को ठीक करने का समाधान कहाँ से मिलेगा। स्वामीजी ने उससे पूछा कि क्या वह अपने बच्चों के इलाज के लिए कुछ करना चाहती है।
रामदुलारी ने बताया कि उसे कुछ समझ नहीं आ रहा कि वह क्या करेगी। स्वामीजी ने उसे बताया कि धर्म और जीवन के साथ-साथ आध्यात्मिकता भी बहुत जरुरी है। उन्होंने रामदुलारी से कहा कि उसे अपने बच्चों के लिए ध्यान और शांति के साथ प्रार्थना करनी चाहिए।
स्वामीजी ने उसे ध्यान करने के लिए बताया कि उसे रोज उठने से पहले थोड़ा समय अपने आप के साथ बिताना चाहिए। उन्होंने उसे मनसा ध्यान की विधि भी बतायी। रामदुलारी ने स्वामीजी से बहुत सारे सवाल पूछे और वह उनसे बहुत कुछ सीखी।
रामदुलारी ने स्वामीजी के बाद से अपने बच्चों के लिए ध्यान करना शुरू किया। वह हर रोज़ उठ कर थोड़ा समय अपने आप के साथ बिताने लगी। उसने मनसा ध्यान की विधि को सीखा और ध्यान और शांति का अनुभव किया।
उसके बच्चों की सेहत भी अचानक सुधरने लगी थी। रामदुलारी समझ गयी कि उसने स्वामीजी से जो कुछ सीखा, वह उसके जीवन में एक नया आशीर्वाद बन गया।
रामदुलारी को मालूम हो गया कि वह किसी भी समस्या का समाधान नहीं तलाशना चाहिए, बल्कि धर्म और आध्यात्मिकता से समाधान तलाशना चाहिए।
जैसे-जैसे रामदुलारी ध्यान और आध्यात्मिक जीवन के साथ समझदार बनती गयी, वह अपने आसपास भी लोगों के जीवन में प्रकाश लाने लगी । वह अपने आस पास के लोगों की मदद करने में लग गयी और जैसे-जैसे लोग उसे जाने लगे, वह बहुत खुश हुई।
उसके जीवन में वह एक बहुत ही बड़ा बदलाव लाया था। वह खुश रहती थी क्योंकि उसे पता था कि उसके पास दुनिया भर में डेढ़ बिलियन लोग होंगे, लेकिन उसे जो सत्य और आध्यात्मिकता का साथ मिला था, वह किसी भी अमीरी जैसी चीज से मिला होता।
इसी तरह वह लोगों को आशीर्वाद देने में लगी और उसके जीवन में न जाने कैसे एक जीवन में थोड़ी सी आध्यात्मिकता ने उसे असीमित खुशियों, आराम और शांति देने में सहायता की। वह अब एक समझदार, आत्मनिर्भर और खुशहाल महिला थी।
इस आशीर्वाद से उसका जीवन नया रूप ले गया था।