Title: बेटी की खोज
एक गांव में रामदेव नाम का एक गरीब चरवाहा रहता था। उसकी पत्नी सुषमा उससे बड़ी एक बेटी थी। वो दोनों बेटी को बेहद प्यार करते थे। उनकी खुशी का रामदेव परिवार के समस्त सदस्यों को भी अनुभव होता था।
एक बार सभी परिवार के लोग शहर गए थे क्योंकि उनकी बेटी को टेंशन के कारण उंगली से काटनी पड़ी थी। वहां अस्पताल में एक विशेषज्ञ द्वारा उसे ठीक किया गया था। जब परिवार लौटा तो वे देखते हैं कि उनकी बेटी नहीं है।
रामदेव और सुषमा दोनों से बड़ी बेटी की खोज में उस गांव के समस्त लोग शामिल हुए। लेकिन नतीजा निराशा था। उन्होंने अपनी बेटी की तलाश रोते हुए रोते हुए सप्ताहों तक जारी रखी।
एक दिन, जब रामदेव नाम का चरवाहा अपनी दुःखी पत्नी के साथ मेहमान बन कर बैठ रहा था, एक सुन्दर लड़की उनके घर से गुजर रही थी। वह लड़की उन दिनों उनके तालाब में मछलियों को खाने के लिए जाती थी।
उलटी जान ने उस लड़की को पुलिस स्टेशन में गए और उन्हें बताया कि रामदेव और सुषमा की बेटी उसके साथ है। कुछ ही देर में, पुलिस स्टेशन पहुंचा, जहां वे लड़की ने उसकी तलाश की जानकारी दी थी।
उलटी जान ने उस लड़की को देख कर अपनी बेटी को पहचान गया। वह अपने बच्चे को गले लगाकर रोया। सुषमा और रामदेव को उनकी बेटी को मिलकर काफी खुशी हुई।
उन्होंने उलटी जान को धन्यवाद दिया और इस पुलिस वाले की मदद से वापस अपने घर लौट बैठे।
परिवार में नवमी आई जब रामदेव और सुषमा ने यह साफ साफ बताया कि कैसे उनकी बेटी को टेंस के कारण जान से मारने के बजाए उलटी जान की सहायता से उन्हें वापस लाया गया था।
उनकी बेटी उस लड़की के साथ खो दी जाती, लेकिन उलटी जान ने वह बेटी को वापस उनको देखभाल के लिए लाया है। यह एक कर्मठ स्वयंसेवक था जो अपने गांव के लोगों को मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता था। रामदेव और सुषमा उसे आज भी अपने सम्मान के साथ याद करते हैं।
इसी तरह उनकी बेटी की मदद के लिए उलटी जान जैसे महान मानव भी हमेशा समाज की मदद करने के लिए दुनिया में रहते हैं। व्यतिगत महत्वपूर्ण होगा तभी जब हम समाज में बदलाव लाने के लिए अपने साथियों की मदद करें।
यह अभिव्यक्ति का प्रसार नहीं है, लेकिन दृश्य को अपने अंतर के लिए बदलता है, क्योंकि वह स्वतंत्र रूप से अपनी जड़ों से आदर करता है। हम लोग हमेशा समाज के समंदर में सभी के साथियों की मदद करके स्वयं को महान बनाने का प्रयास करते हैं जो दूसरों के साथ अपना हिस्सा नहीं लेते हैं।