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बेटी की ख्वाहिश एक छोटी सी लड़की है जिसका नाम

Title: बेटी की ख्वाहिश

एक छोटी सी लड़की है जिसका नाम नैना है। नैना एक बेटी हैं जिसे जन्म हुआ था। उनके पिता एक गरीब किराएदार थे और उनकी माँ एक घरेलू मजदूर थी। वे लोग बहुत संघर्ष करते थे लेकिन फिर भी उनको अपनी दो बेटियों की शिक्षा लेने के लिए आगे बढ़ने में काफी मुश्किलें आती थी।

नैना को बहुत ख्वाहिश थी कि वो एक अच्छी सी शिक्षा ले सके और दुनिया में कुछ कर सके। वे बहुत समय से इसकी आस में थीं। लेकिन उनके परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह उन्हें अच्छी से स्कूल में भेज सकें। लेकिन नैना ना तो हार धोने की सोच रखती थी और न ही वो हमेशा से असफल होकर रहती थी। उनके दिल में पड़े वे सपने उन्हें एक निराशा की तरफ ले जाते थे।

एक दिन, उनके एक सम्बंधित ने नैना को बताया कि वो बहुत समय से एक संगठन का हिस्सा हैं जो गरीब बच्चों को शिक्षा देता है। उन्हें बताया गया कि इस संगठन के जरिए आप अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं और अपनी मनचाही शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। नैना बहुत ख़ुश हुई इस खुशी में वे अपने पैरों से उछल पड़ी।

उन्होंने उस संगठन से संपर्क किया और उनकी मां की इच्छा को जानते हुए उन्होंने नैना को लीजिए बिना शुल्क के स्कूल में भर्ती कर दिया।

नैना बहुत खुश थी क्योंकि उनकी ख्वाहिश बनी आखिर मुमकिन। वह अपनी आधी-आधी सिलेबस बहुत नियमित ढंग से पूरा करती थी और सोचती थी कि एक दिन अच्छी सी नौकरी करके अपने माता-पिता का मदद करेगी।

लेकिन इस दौर में उनके परिवार में भी कुछ बदलाव हो रहा था। उनकी जबतक ख्वाहिश ना थी तब तक उन परिवार वालों ने उन्हें कभी ध्यान नहीं दिया था। लेकिन अब वो एक अच्छे स्कूल में थीं और उनकी बढ़ती हुई उनकी इच्छा उनके परिवार वालों को भी पढ़ गयी थी। वो उनका सपना पूरा करने में उनकी सहायता करने को तैयार थे।

उन्हें जब ये पता चला कि एक बड़ी नौकरी उनके बच्चे ने प्राप्त की है, उन्होंने उन्हें सभी शुभकामनाएं देकर बहुत ख़ुशी मनाई। उनके परिवार में उमंग होती दिखाई दे रही थी।

नैना ने समय और प्रयास लगाकर एक अच्छी नौकरी पाई जहाँ वह हो मंगल कार्य कर सकती थीं। उन्होंने अपने परिवार की सभी मुश्किलों का सामना किया था और उन्हें उनका सपना पूरा करने में मदद करने के लिए उठते फिरते थे। अब वह अपनी माँ और भाई बहन की मदद कर रही थीं और समाज में एक सम्मानित व्यक्ति बन गयी थी।

नैना के इस सफलता का परिणाम यह हुआ कि उनके सपने उनकी माँ और परिवार वालों के लिए भी संभव बन गए। उन्हें यह लगता था कि अब उनकी जिंदगी बन्द नहीं होगी तब तक जब तक वह अपने सपने पूरे ना कर दे।

एक छोटी सी लड़की ने अपनी ख्वाहिशों के ताने-बाने भर दिल से मेरे सभी धार्मिक और राष्ट्रवादी सदहित की आशाओं को प्रेरित ने किया था। उन्होंने बोझ बनाने की जगह आगे बढ़कर एक प्यारे सपने को अपना बना लिया। इससे उसकी जिंदगी में नई और सफलता से भरी एक नयी शुरुआत हुई।

कागा जी

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