Title: रेलवे स्टेशन की छतरों में एक दोस्ती
एक रेलवे स्टेशन होता है, जो हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह जगह हमें अपने से दूर कहीं जाने वाली जगहों की ओर ले जाती है और मजबूत दोस्तियों का निर्माण करती है। यह कहा जाता है कि रेलवे स्टेशन की छतरों में अनेक दोस्तियां बनती हैं।
इस रेलवे स्टेशन पर एक दिन एक लड़का विदेश से घर लौट रहा था। उसने ट्रेन में सफर किया था और अभी लेट नाइट वाली ट्रेन से उतरा था। उसके साथ थोड़ी बड़ी उम्र का एक आदमी भी उतरा। लगभग तीन साल पहले उस लड़के ने उस आदमी को अपनी क्रिकेट टीम के चयन में शामिल होने के लिए बुलाया था। उस आदमी को बड़ी खुशी मिली थी और उसने अपना चारा भारत से खरीद कर तैयार कर दिया था। इस प्रकार उन्होंने अपनी दोस्ती आरम्भ की थी। लेकिन फिर उस लड़के को अमेरिका जाना पड़ा था और उसे वहाँ अच्छी नौकरी मिल गई थी।
अब उस लड़के से बड़ी हो गई थी, उसने एक कंपनी बनाई थी और अब वह विदेश से घर लौट रहा था। उसके साथ उसी स्टेशन पर हाथ मिलाने आया थोड़ी सी बड़ी हो गई हुई उसकी दोस्ती से मिलने। जब वह दोनों हुए तो उन्होंने बातें करनी शुरू की। समय बहुत कम था, तो उन्होंने एक चाय की दुकान पर जाकर कुछ समय बिताया।
वहाँ उन्होंने बैठकर आराम किया और जो गुड़िया बालों में बाँधकर सटी थी वहीं से कुछ बातें शुरू की। थोड़ी देर में उन्होंने कहा, “तुम नहीं जानते मैं देख और बता दूँ, यह गुड़िया सीधी आसमान के तरफ उड़ जाएगी। तो तुम्हारे बाल काट देने होंगे।” उस व्यक्ति ने मुस्कुराते हुए कहा, “वाक़ई नाकाम हो गया हूँ मैं, तुम मेरी जान बचा लेते।”
वे दोनों जोर-जोर से हंसने लगे। फिर वे तय करते हुए कि इसलिए कि गुड़िया उड़ना चाहती है, वे रोजाना कोशिश करेंगे कि उसे उड़ान दी जाए। वे वादा करते हुए अलविदा कहने खड़े हो गए।
कुछ समय बाद, उस आदमी ने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया था फिर भी उसने उस लड़के की याद नहीं भुला पाया था। उसने उस लड़के का फोन नंबर ढूंढा और अपनी एक नई टीम तैयार की।
एक दिन उस लड़के को एक अप्रत्याशित कॉल मिला, जिसमें उस आदमी ने उसे अपनी दोस्ती को जारी रखने की खुशी का एहसास दिलाया था। दोनों फिर से अपनी दोस्ती को अविरत रखने में लग गए। उन्होंने एक दूसरे को लेटर लिखकर भेजा, उन्होंने एक दूसरे से वीडियो कॉन्फ्रेंस की और तस्वीरें भेजीं। वे बहुत ख़ुश थे कि उनकी दोस्ती कभी नहीं टूटेगी और वे किसी के बीच फर्क नहीं करेंगे।
यह बातें आपको समझ गयी होंगी कि रेलवे स्टेशन की छतरों में दोस्ती का क्या महत्त्व होता है। यहां दो थोड़ी सी बड़ी हुई हुई उम्र के दो लोग एक-दूसरे को नहीं भूल सके थे। दोस्ती एक ऐसी चीज़ है, जो हमेशा बरकरार रहती है। ये छतरें दोस्ती भरी होती हैं। आशा है कि आप भी अपनी छतरों में दोस्ती को सम्मान देंगे और अपनी जिंदगी में खुशी और समझदारी के साथ वो बनाएंगे।