Title: एक मजदूर का सफ़र
राम कुमार एक साधारण से मजदूर था। उसकी जिंदगी का मकसद सिर्फ रोज़गार और परिवार की देखभाल थी। एक दिन, उसकी कंपनी ने उसे अन्य शहर में काम करने के लिए भेज दिया। वह खुश नहीं था, क्योंकि उसे उस शहर के सब कुछ अनजान था।
राम कुमार ने अपने सारे सामान को इकट्ठा कर लिया और उसे ट्रेन से यात्रा करना पड़ा। उसे टिकट माँगने में भी मुश्किल हुआ क्योंकि उसे टिकट के बारे में कुछ भी नहीं पता था। फिर भी, उसने अपनी सारी खर्चे से जिटने में मदद करने वाले एक टिकट सेल्समैन से टिकट खरीदा।
वह अपने सीट पर बैठ गया, लेकिन उसे खुश नहीं था। उसके सामने एक आदमी उसे देख रहा था, जो बहुत बड़ा दिख रहा था। उसे डर भी लग रहा था, लेकिन आदमी की कुछ बात करने से पता चला कि वह उसके पड़ोसी था।
उन दोनों की बातें करते हुए, राम कुमार को पता चला कि उसके पड़ोसी ने उसे सही ट्रेन में बैठाया था। वह बदले में, राम कुमार से उसकी जगह अपनी नींद को ले लेगा।
चार घंटे के बाद, ट्रेन राम कुमार के नए शहर में पहुंची। उसे नौकरी करने वाली कंपनी में जाना था, लेकिन उसे पता नहीं था कि वहाँ जाने के लिए कैसे जाना है। फिर भी, उसने लोगों से पूछा और वहाँ पहुंच गया।
वह आगे बढ़ता रहा और अपने नए शहर में अपना स्थान बनाने के लिए हर संभव प्रयास करता रहा। जैसे-जैसे समय बीतता गया, उसके लिए जीतने मुश्किल था वह उतना ही प्रगतिशील भी होता गया।
राम कुमार को इधर-उधर में समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उसने ना तो खुद को हार माना और ना ही अपने सपनों से मुलाकात करने से पीछा छोड़ा। वह अपनी सफलता के लिए संघर्ष करता रहा जबकि उसके लिए हार के बहुत संभावनाएं थीं।
कुछ समय बाद, राम कुमार की मेहनत और लगन की परिणति उसके लिए बड़ी सफलता लेकर आई। उसे एक बड़ी कंपनी में पद हासिल हुआ। उसकी पेशकश जारी है। राम कुमार आज एक समृद्ध परिवार का सदस्य है।
इस कहानी में, राम कुमार की इच्छाशक्ति, धैर्य और परिश्रम से हमें एक सफल और मान्य पद हासिल करने का संदेश दिया गया है।