Title: विश्वास का अमूल्य मूल्य
एक बांग्ला गांव में एक वहम फैला हुआ था कि आसमान में उड़ते जंगली पंछी लोगों की मशक्कतों को अदृश्य तरीके से देख रहे होते हैं। ऐसा मानते थे कि उनके घरों के ऊपर से गुजरते हुए पंछी कोई मंहगी सतह उमड़वाली चीज लेने के लिए चाहते होते हैं और कई लोगों को इस बात पर शक होता था कि पंछी लोगों के बुरे समय को अग्रसर करते होंगे।
एक बुढ़िया ने इस वाद-विवाद का समाधान करने का सोचा। वह बड़े बुजुर्गों में से एक थी, जो पहले से ही गांव की थी। उसने सभी लोगों को एक साथ बुलाया और कहा, “आप इस बात में सहमत होंगे कि यह सिर्फ एक वहम है कि पंछियों का उड़ान भरने के दौरान हमारे घरों की छत से गुजरते हुए वे देखते होंगे और उन्हें हमारी तकलीफ बनाने का इरादा होगा।”
बुढ़िया ने आगे कहा, “हमारे लिए इन पंछियों का आना-जाना समान है जैसे कि मौसम की यात्रा होती है। हमें उन्हें इस तरह देखने दें जैसे कि धरती के अन्य स्त्रोतों को देखा जाता है जो हमारे जीवन का अमूल्य हिस्सा होते हैं। हमें पंछियों के ऊपर अपना विश्वास बनाए रखना चाहिए।”
बुढ़िया ने एक छोटी खेती में एक डमरू लकड़ी लिए और इस उपदेश को आत्मसात करने के लिए उसे एक छोटे से पेड़ के उपर से लटका दिया। उसने फिर कहा, “जैसे डमरू का ध्वनि फैला होता है और सबसे ऊँची चीजों को भी सुनाया जा सकता है, इसी तरह हमारा विश्वास भी बढ़ता जाएगा। कभी-कभी कुछ चीजें हमें दिखाई नहीं देतीं परन्तु हमें इसमें विश्वास होना चाहिए।”
सभी लोग उस ध्वनि को सुनते हुए उन्हें देखने लगे और कुछ भी नहीं देखा जा सकता था। उस खेती में से पास से गुजरते हुए पंछियों के बजाने वाले भीड़ के प्रति उसने उन्हें विश्वास होने के लिए भी कहा। लोग समझने लगे कि पंछियों का आना-जाना वास्तव में अमूल्य था।
बुढ़िया की बात काम आई जब एक लड़की ने अपने पिता से कहा कि उसे स्कूल नहीं जाना है क्योंकि वह आज उसकी बेस्ट फ्रेंड की बिथडे पार्टी में जाना चाहती है। उसने कहा कि वह आज खुश नहीं होगी जब उसका अध्ययन पूरा नहीं होगा।
लेकिन उसके पिता ने उसे उस बुढ़िया के उपदेश को याद दिलाया और उसे समझाया कि उसे समय देना तभी सही होगा जब वह निश्चित रूप से वहाँ पहुँच सकेगी। उसे उसकी पढ़ाई की और उसको पार्टी के लिए भेजा गया। लड़की ने यह जान से स्वीकार कर लिया कि पंछियों की तरह हमें उनके ऊपर विश्वास होना चाहिए।
बुढ़िया ने यह समझाने का उपदेश न केवल अपने गांव में बल्कि पूरी दुनिया भर के लोगों के लिए उपलब्ध किया। यह समझने की बात है कि जब हमें लगता है कि कुछ असमंजस में है या दुखी करने वाला है, तभी हमें अपने संज्ञान में रखना चाहिए कि हम मूलतः उनके ऊपर विश्वास करते हैं जो हमारे जीवन के अमूल्य हिस्से होते हैं।
पंछियों का घोंघुरा आज हमें याद दिलाता है कि जितना कम हमारा विश्वास, उतना ही कम हमारा स्वयं का आत्मविश्वास होता है। इसलिए, हमें विश्वास का मूल्य समझना चाहिए।