Title: मासूम महबूबा की कहानी
एक बार एक मासूम महिला ने अपने पड़ोस में एक नाना के घर में रहना शुरू किया। वह अकेली थी और उसे कुछ करने की जरूरत थी। नाना के पुत्र ने उसकी मदद करने का फैसला किया। उसने उसके लिए एक नौकरी की तलाश शुरू की और उसे एक स्कूल में हस्तली मिल गई।
महबूबा ने वहां पर रहना शुरू किया और उसे अपने साथ रखने में खुशी होती थी। वह एक नाना का सहारा था, जो उसे संरक्षण देते थे। एक बार सुबह-सुबह वह स्कूल में जाती थी तो उसे एक छोटी सी बच्ची ने देखा और उसके साथ खेलना शुरू किया।
वे दोनों एक-दूसरे से बहुत प्रभावित थे। अगले दिन से पहले वे दोनों स्कूल जाते वक्त साथ में चलने लगे।
वह बच्ची, यामिनो, सबका मनोरंजन करती थी और उससे वह महसूस करती थी कि यह भी खुश होती है। वे दोनों अपने स्कूल के समय के बाद अपने आस-पास घूमते थे और दोस्ती और खुशी के पल बिताते थे।
एक दिन वह अपने पड़ोस में से एक घर में रह रही थी जहां एक दुखी व्यक्ति रहता था। जब उसने उसके घर में देखा तो वह उसके पास गई और पूछा कि क्या हुआ है। उसके पास उसकी परेशानियों का एक दो पेटी हुआ था जो उसको रात भर सोने के बदले में उसके कई स्कूल के वस्ते बेच दिए गए थे।
महबूबा ने दिलासा दिया कि वह लास्ट से सबसे अच्छा है और उसे मदद करेंगे। उसने उसे बताया कि वह उसकी मदद करने के लिए डॉक्टर से बात करेंगे।
डॉक्टर को बताया गया कि यह बच्चा कुछ नहीं कर रहा था और उसे मासूम महिला की मदद चाहिए। डॉक्टर ने महबूबा से बात की और उसकी सहायता लेने के लिए आग्रह किया।
महबूबा ने उसकी मदद करने के लिए स्वयं को दिया। वह उसके घर गई और उससे बात की ताकि बच्चे को समझाया जा सके कि वह क्या कर रहा है। उसने बच्चे को समझाया कि उसे दुनिया के साथ मेल खाना बेहतर है और उसे उस व्यक्ति की मदद करनी चाहिए जो उसकी विद्या की चीजों को खरीद सकता है।
इससे बच्चे और अधिक उत्साह से खेलने लगे। वह दिन दिन बढ़ते गए और अपनी विद्या और अच्छा जीवन बिताने की दिशा में अच्छा रहा।
वह अब स्कूल का सबसे अच्छा छात्र बन गया था। उसने महबूबा को धन्यवाद दिया जिसने उसकी मदद की थी। उससे अधिक महत्वपूर्ण था उसे उस व्यक्ति की मानसिकता समझने में जो उसके जीवन में जो आवश्यक था।
उसने महसूस किया कि दुनिया में समस्याओं से निपटने के लिए बच्चों की सहायता की जरूरत है। वह उस व्यक्ति के लिए विद्यार्थियों की मदद करना आरंभ कर दिया जिसने उसकी जिंदगी बदल दी थी।
वह एक अच्छी मासूम महिला बन गई जिसने बच्चों के जीवनों को संसारिकरण के लिए संतुष्ट किया।