Title: एक अनोखी दोस्ती
जोर से बारिश हो रही थी और रोशनी की बिजलियों ने रात की तमाम उदासियों को हटा दिया था। एक स्कूल में दोनों तीन तीन से छोटे थे और सभी लोगों के बीच एक-दूसरे का बनना शुरू हो गया था।
कुछ समय बाद, एक नन्ही सी लड़की, जो लड़कों से थोड़ी दुर्दैवी थी, स्कूल में आई। उसने बैठकर देखा कि सभी उस से दूर थे। वह आगे बढ़ती थी, लेकिन शायद लोगों का ऐसा भ्रम था कि उसे दूरी बना रखने से अधिक उसे उनसे दूरी बना रखता था।
शायद उसके साथ ऐसा हुआ क्योंकि वह एक अलसी लड़की थी और लड़के पर सबकुछ शुरू हो गया था। उसे कोई देखें तो दिमाग में रुसवाई हो जाती थी। लेकिन एक दिन वह लड़की पीछे से अपने पास कुछ हंसती हुई आवाजें सुनाई दी।।
वह लड़की उलटे चले जाकर देखने लगी और एक बार फिर से वही हंसी आवाजें सुनाई दीं। वह सोचने लगी कि शायद ये वही लड़के होंगे, जो उसे देखते ही हंस देते थे। लेकिन वह फंस गई कि यहां लड़के कहां हैं।
वह एक झोने में खड़ी थी जब उसने बाग में एक लड़के को खुशी से खिलखिलाते हुए लड़कों के साथ देखा। उसे अचानक समझ आया कि ये वही लड़के हैं जो उसे अपनी किस्मत से मिले थे।
वह अपने दोस्तों से बात करती रही और वे उसकी पूरी तरह से नजर नहीं आई। वह इधर-उधर घूमती रहती थी और इसी बीच उस लड़के ने उसे देख लिया था। वह उसके पास जाकर बैठ गया और चुपचाप समय बिताने लगा।
दोनों ने कुछ भी नहीं बोला था और आसमान भी उनकी तमाम बातों को सुन रहा था। थोड़ी देर बाद उस लड़के ने उसे मुस्कुराते हुए कुछ दिया था जिसके बाद वह चला गया।
उसने देखा कि वह लड़का उसे दिन-दूनी देखता था और उसे हंसाने की पूरी कोशिश करता था। वह भी उससे मुस्कुराने के लिए कोशिश करती थी। वह दोनों एक-दूसरे को नजदीक से देखते रहते थे लेकिन कभी भी कुछ नहीं बोलते थे।
वह दोनों पहले दोस्त बन गए थे, फिर ये दोस्त साथ ही गलतियों का सामना कर रहे थे, साथ ही साथ क्रोध और भय तक आते थे। वह दोनों के बीच एक खास बात थी जो किसी ने कभी नहीं देखी होगी।
एक दिन वह दोनों गलती से पास हो गए जब वह आती हुई चीजों के बीच शामिल थे। वह दोनों कुछ बातों पर बातचीत करने लगे। अचानक वह दोनों अपने-आप को हंसाने लगे।
वह उन खास स्थानों और विषयों की धुन में खत्म हो गए जो उन्होंने एक-दूसरे के साथ साझा किए थे। ये दो अलसी बच्चे छोटे थे, लेकिन वे पूरे सोच विचार से अपनी बात कहते थे।
दोस्ती ने इन दोनों के साथ कई सोखे दर्शाए जिसे देखकर लोग कहते थे कि दोस्ती कोई एक चीज नहीं है बल्कि यह एक अनुभव है जो हमें समझाता है कि विश २।
दोनों कारणों से निकट बन गए थे। एक, उन्होंने ज्यादा समय के साथ एक-दूसरे के बारे में अधिक जाना था। दो, उन्होंने अपनी संवाद कौशल को अपने फायदे के लिए उपयोग में लिया था।
वह दोनों दोस्त थे जो हमेशा एक-दूसरे के साथ थे, भले ही दुनिया क्या कहती हो। ये दोनों साथ एक दूसरे के सपनों को पुरा करने के लिए लड़ते थे और कभी हार नहीं मानते थे। ये दो असली दोस्त थे जो इस दुनिया में बरकत हैं।