एक गांव में बहुत सुंदर वातावरण था। वहाँ की प्राकृतिक सुंदरता मनोहारी थी। वहाँ के लोग आपस में बहुत मिलझुल के साथ रहते थे। प्रतिवर्ष शहरों से बहुत सारे यात्री वहाँ आते थे, ताकि वे वातावरण का आनंद उठा सकें।
सोमवार के दिन एक नन्हीं सी बच्ची, नन्हा बालमन सफर करने के लिए गांव से बाहर गयी। उसके पास एक छोटा-सा काठ का डंडा था और उसके कंधों पर एक छोटी सी झोली बनी हुई थी। वह बच्ची कार्यक्रम में महान शहर जाने के आज्ञाकारी अपने पिताजी के पास थी। बच्ची नए अनुभव के लिए ऊर्जावान थी।
बच्ची अपने पिताजी के कहने पर चारों ओर घूम रही थी। उसे वहाँ का सारा नजारा देखने का अवसर मिला। वह बगीचों में घुस गयी, पहाड़ों पर चढ़ गयी और तालाब में नहा ली। उस दिन उसने अपनी जिंदगी का सबसे खूबसूरत दृश्य देख लिया।
वापस आने के समय, बच्ची ने एक दूसरी जीन्ड की तलाश में एक अजनबी जंगल में पैर रखा। जंगल में अजनबी और रहस्य भरे सत्ता थे। बच्ची ने अपने कंधे पर झोली को चांदी से भर दिया और तेजी से चहुंओर से पलते हुए उन्हें चढ़ाया। वह बहुत अचंभित थी और नौकरी तक छोड़कर शहर में वापस जाने के ख्वाहिशमंद थी। जंगल में वह एक नया अनुभव प्राप्त कर रही थी।
अजनबी जंगल में उसने एक सुंदर झरना देखा। झरने के पास उसने एक बूढ़ा आदमी देखा। बूढ़ा आदमी एक प्राचीन गुरु था, जो पुराने विज्ञान को समझने के लिए उठा हुआ था। उसने बच्ची को देखकर कहा, “शिशु, तुम यहाँ क्या कर रही हो?” बच्ची ने कहा, “स्वामीजी, मैं एक बार अपनी गांव के बाहर की दुनिया देखने आयी हूँ।”
गुरु ने आँखें बंद करते हुए कहा, “यहाँ अपनी आंखें खोलो और यह सुंदर दृश्य देखो। यदि तुम ध्यानपूर्वक ध्यान दो, तो तुम्हें जीन्दगी के रहस्यों का गहराई में जाने का मौका मिलेगा।”
बच्ची ने कहा, “सच्ची बात कहते हो, स्वामीजी?” गुरु ने हंसते हुए कहा, “हां, मेरे बच्चे।”
उस रोचक बातचीत के बाद, बच्ची वहाँ से निकलते हुए उमड़ी। वह जंगल में घूमते और जीन्दगी के रहस्यों को समझने का प्रयास करते रही। प्रकृति के सुंदरता में उसने चित्रण किया, पक्षियों की आकृति, पेड़-पौधों की सुरंगें, ऐंठन, साँप, खरगोश और बहुत कुछ। उसने सभी के बारे में अच्छी तरह से समझा और इसे अपनी जीवन शैली में शामिल किया।
बच्ची ने आनंद और विचार से तंग हो गयी। उसने अपने चेहरे पर एक गंभीर अवस्था का विचार किया। वह अपने अस्तित्व के सच को खोजने के लिए जंगल में यात्रा कर रही थी। वह सोच रही थी, “मेरे पास इस विश्व में ताकत और प्यार की बाहुल्य है। मेरे पास वहाँ के प्राकृतिक सुंदरता और खुदरा ऊर्जा की अनंत प्रावधान है। लेकिन इसके बावजूद, मैं खाली महसूस कर रही हूँ। मैं अपनी निजी सिद्धि के लिए सार्वजनिक रूप से पुरस्कृत होने की इच्छा रखती हूँ।”
समय बीतता गया और बच्ची किसी भी उत्कृष्टता या अविश्वास में भलाई नहीं ढूंढ पायी। उसे मालूम पड़ा, बड़े जहाज या शानदार घर में वास करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है अपनी एक संतुष्ट और समृद्ध आत्मा में बसना। इसके लिए, उसने घर वापस जाना तथा दूसरों की मदद करना चुना।
यह मिथ्या सत्ता के मारे समाज को बहुत महंगा पड़ गया था। सभी लोग विश्वास करते थे, ताकि संतुष्टि और शांति सिर्फ संदिग्ध चीजों में खोयी हुई है। सभी ने कहा कि वे यहाँ खोजने की कोशिशों के बावजूद वास्तविक सुख नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। इससे प्रेरित होकर, वे उपलब्धि से बाहर निकलकर अपने अंदर के क्षमता का समर्थन करने के लिए लोकी की सुरंगें में घुस गयीं।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है, कि हमारे पास यहाँ चंदे और पैसों की कमी है, लेकिन हमें हजारों अनुभवों की कमी नहीं है। आपकी सीमित संसाधनों के पास होने पर विचार करते समय अपने क्षमता और सामर्थ्य में विश्वास करें। जीने का यही सही तरीका है।