Title: रुकसात – एक अनसुनी कहानी
एक छोटे से गांव में रहनेवाले रामनाथ ने एक सुंदर लड़की, वैष्णवी से प्यार किया था। धीरे-धीरे, रामनाथ वैष्णवी से प्यार में पड़ गया था। लोगों के बीच उनके प्यार की खबर फैली तो लोग रामनाथ को कुछ कहते नहीं थे, क्योंकि वे दोनों एक ही जाति के थे। पर वैष्णवी के पिता ने रामनाथ को रिक्शा चलाने वाले जॉब पर रख दिया और उससे कहा कि वह उन्हें और उनकी बेटी से दूर रखें।
रामनाथ स्थिर हुए और प्रतिक्रिया देने से पहले वैष्णवी के घर से दौड़ा। उसका दिल टूट गया था, लेकिन उसके सपनों को तोड़ने के लिए उसे मजबूर होना पड़ रहा था।
वैष्णवी भी बहुत दुखी थी। उसे अपने पिता के फैसले से चिर संकट हुआ, क्योंकि वह भी रामनाथ से बहुत प्यार करती थी।
कुछ दिनों बाद, वैष्णवी के शादी का दिन आ गया। वैष्णवी ने धैर्य बनाए रखते हुए रामनाथ के पते पर एक चिट्ठी भेजी, लेकिन वह उसका जवाब नहीं दे पाया।
वैष्णवी के शादी के दिन, रामनाथ परेशान था और उसे क्या करना चाहिए उसे समझ नहीं आ रहा था। वह अपने दोस्तों के साथ शराब पीता रहा था और वैष्णवी की तस्वीर देख कर रोता रहता था।
उस रात, जब सभी सो चुके थे, रामनाथ के दोस्तों ने उसे साथ लेकर घर ले जाया था जहां से वैष्णवी का जाना हुआ था। वह जानता था कि वह अब उसे कभी वापस नहीं मिल सकती, लेकिन उसका दिल कुछ और करने के लिए उसे मजबूर कर रहा था।
रात के अंत में, रामनाथ वैष्णवी के घर पर पहुंचा और उसे अपने वक्ता हुए प्यार की बात बताई। वैष्णवी भी उसे बहुत महसूस करती थी और उसे अपने साथ लेकर खुश रहने के लिए अनुमति दे दी।
दोनों के बीच, वे दोनों बहुत खुश रहते थे। वे एक-दूसरे को बहुत प्यार करते थे और उन्होंने कस्बा में अपना जीवन बनाने का फैसला लिया।
उनके बीच शांति थी, लेकिन अचानक सभी लोगों में उनसे नफरत करने लगे हैं। रामनाथ और वैष्णवी की प्रेम कहानी के वक़्त, यह लोग उनके साथ रहना नहीं चाहते थे। उन्होंने अपने जाति और धर्म से वांछा करने की बात कही, लेकिन लोग उनके प्यार को स्वीकार नहीं करना चाहते थे।
एक दिन, रामनाथ का दोस्त उसे बताने आया कि वह एक अपरिचित लड़की के साथ देखा गया था। वह लड़की रामनाथ की बोहत याद आने वाली थी लेकिन उसे शांति नहीं मिलती थी। वह सोचता था कि उसे ना तो वैष्णवी से प्यार करता है और ना ही अन्य लड़की से। वह बेचैन हो गया था और उसे कुछ करने की आवश्यकता थी।
रामनाथ ने सोचा कि वह अपनी प्रेम कहानी से अलग होने के लिए तैयार नहीं था। सही समय पर आगे नहीं बढ़ाने की वजह से, वह अपने जीवन का महत्वपूर्ण फैसला लेने में असमर्थ था।
फिर एक दिन, रामनाथ के अरबाब ने उसे ऊपर से बकरी की कीमत का बहस करने कहा। रामनाथ ने वहां से अपनी साइकिल पर मजबूर होकर सड़क पर उतर चढ़ा था कि उसने अपनी प्रेम कहानी से अपने माता-पिता को चाहे बिना ही उनसे अलग हो जाने का फैसला कर लिया।
अब रामनाथ को इस फैसले का पश्चाताप था। वह जानता था कि वह उस दिन से अनेक गलतियों की ओर जा रहा था। वह जानता था कि वह मिस्टेक कर चुका था। उसे अपनी प्रेम कहानी से बदनाम करने वाली सभी गलतियों से संभालने की आवश्यकता थी।
वह उस लड़की को फिर से संपर्क करने लगा। फिर उन दोनों के बीच मुद्दा शुरू हुआ। लेकिन उन्हें वापस आने का मौका नहीं मिला।
इस नाकामयाबी के चलते, रामनाथ ने कुछ ने फैसलों पर विचार करना शुरू किया। उसने कस्बा भी छोड़ा ताकि वह नयी शुरवात कर सके। इस तरह वह आखिरी फैसला लिया कि वह अपनी जहाज को थाम लेगा और उसे अपनी प्रेम कहानी और स्वर्ग में बदल देगा।
फिर एक दिन, एक रात में सभी सो गए थे और रामनाथ ने खुद को मरने के लिए तैयार कर लिया था। लेकिन उसे मरने के बाद अपनी प्रेम कहानी का अंत बताना चाहिए था।
अंत में, रामनाथ ने सबको नफ़रत करना छोड़ दिया और अपनी प्रेम कहानी को समाप्त कर दिया। वह अब आत्म-संतुष्ट हो गया था क्योंकि उसने अंतिम समय में सही वो चीज संभाल ली थी।
इस उत्तरदायी राओ में, गांव के लोग रामनाथ के साथ फिर से मित्रता करने लगे और वह अपनी मददगारी का अब अपना नामोंमें गर्व मानता था। वैष्णवी ने उसे कभी माफ नहीं किया लेकिन उसे उसके लिए कोई शिकायत नहीं थी।
रामनाथ ने दोबारा उस लड़की से दूर रहने की सलाह दी और वह ने ध्यान रखा। उसने एक साजिश की केंद्रित किया था लेकिन वह अपनी जिन्दगी के बारे में अधिक नहीं सोचता था।
आज, रामनाथ एक सम्मानित व्यक्ति हैं। उन्होंने अपने अधिकांश जीवन अपनी समझ के लिए लड़ाई की है और अर्थव्यवस्था को अपनी मददगारी करने के लिए हमेशा तैयार हैं। वह आज एक शक्तिशाली और आत्मनिर्भर व्यक्ति हैं।
जोर से बोलता होगा – वह एक प्यारी प्रेम कहानी थी जो हमें स्मृति के रूप में याद रहेगी।