Title: आहट
आज सुबह के समय सतगुरु प्रसाद खाने के उपलक्ष में अपने घर में थोड़ा शोर मचा रहा था। उनके पड़ोसी में से एक ने हमें आवाज से कहा कि यहां आहट सुनाई दे रही है।
हम जानते थे कि उनके शहर में कुछ समय से अनोखे लघु घटनाओं की श्रृंखला घट रही थी। अब इस आहट को भी उसी श्रृंखला का हिस्सा मान लेना था।
असल में, हम एक रेक्टेंगलर फ्लैट में रहते थे जो सड़क के तीनों ओर से घिरा हुआ था। तीनों ओर सड़कों की एक जाल थी। इसलिए, जो कुछ भी ज्यादा उच्च आवाज वाला होता था, वह घर में आ जाता था।
उस दिन थोड़ी देर बाद, मैं उठा था और मेरे प्यारे पत्नी कुछ पकड़कड़ाने के लिए बाथरूम के ओर चली गई थीं। उनके वापस आने में कुछ ही पलों में, सड़क की उन तीनों तरफ से आवाज फिर से उठने लगी।
मैंने लगभग सब कुछ सुना, लेकिन मुझे लगा कि इस घर में कोई नहीं है। मैंने अपनी फ्रंट डोर की ओर चला गया, इसी बीच मेरी पत्नी आईं और बताईं कि उसने भी अपने बाथरूम से कुछ सुना है।
सड़क की ओर जाने से पहले, हमने अपने पड़ोसी से पूछा तो उसने हमें बताया कि उसने भी कुछ सुना है।
“बस हावड़ा मान जाओ,” उन्होंने कहा। “यहीं पर बहुत संदेहजनक चीजें होती हैं।”
हावड़ा जाना मौके के अनुसार था, लेकिन हमने उठते ही एक और धमाका सुना। अब तो हमें पूरा यकीन हो गया कि कुछ नहीं था।
उन्होंने अपनी गाड़ी लेकर तलाश शुरू की और हमने एक पुलिस अफसर को फोन कर दिया। पुलिस में पहुँचते-पहुँचते उन्होंने एक महिला को हमारे नजदीक से दौड़ते देखा, जो उनसे मिलने बाहर निकल गई थी।
महिला बहुत शोर मचा रही थी और बोल रही थी, “मेरे पति को मार डालो।”
पुलिस उसे समझाती रही और अंत में उसे अकेले ले गई।
हमारे पूरे सतही मुंह खोलकर टटोलने लगे। उनमें से एक दोस्त जानता था कि महिला जो हम्हारी सड़क में मचा रही थी, उसका नाम बेतिया ऊँचा राम था और उसके पति भी ऊँचा राम थे। वे दोनों सहसा नहीं आए थे साथ में कभी भी उनके गाड़ी से उतरते नहीं थे या कोई बातचीत नहीं करते थे। उनकी सड़क के रैंप से तब भी वे सीधे अपने फ्लैट के लिए जाते थे।
हम सभी बहुत विचित्र थे। एक सैनिटरी इंस्पेक्टर को बुलाया गया था जो परीक्षण करने आया था कि क्या कोई घर के भीतर से सुखाने लगा है।
मैंने उनसे कहा, “वहां खुशबू आ रही है।”
उन्होंने मुस्कुराकर कहा, “हाँ, यह एक बहुत सामान्य कारण हो सकता है।”
इसमें कुछ और नहीं हो सकता था, हमने अपनी रोजमर्रे की जिंदगी पर फिर से ध्यान केंद्रित कर लिया। कभी-कभी हमारे दिमाग में कुछ विचित्र ख्याल आते हैं और इसलिए इस घटना की मेरी कहानी लिखना था।
पूरे राज्य में गूंजती हुई दिमाग में कुछ ऐसी घटनाएं हुई जो कोई ताल्लुक नहीं रखती हैं। इसलिए, खुला दिमाग रखना बेहतर है, क्योंकि आहट हर कहानी का सार होता है।