Title: दोस्ती का रंग
दोस्ती का मतलब होता है एक दूसरे के साथ समय बिताना, दुःख और सुख में एक दूसरे का साथ देना। यह एक ऐसे रिश्ते का संबंध होता है जो सारे दुनिया में मूल्य रखता है।
ये दोस्ती की कहानी एक छोटी सी शहर से शुरू होती है। अभिषेक और विक्रम दोनों ही उस शहर से थे और दोनों का उम्र सभी की तरह 12-13 साल के बीच था। दोनों को स्कूल में एक दूसरे से ज्यादा एक दूसरे के साथ वक्त बिताने का आनंद मिलता था।
एक दिन उन दोनों को स्कूल से लौटते हुए एक खतरनाक हादसा हो गया। अभिषेक की चोट की वजह से वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे सीधे अस्पताल ले जाना था लेकिन उसके परिवार उसे ले जाने के लिए पैसे नहीं जुटा सके।
विक्रम ने इसका समाघान करने के लिए दोस्तों से मदद मांगी और सभी दोस्तों ने हाथ मिलाकर एकता से एक साथ पैसे इकट्ठा किए। दोस्तों के सहयोग से अभिषेक अस्पताल ले जाया गया था और वह जल्द स्वस्थ हो गया।
यह घटना अभिषेक और विक्रम की दोस्ती के बीच एक नया बंधन बनाता है। दोनों के बीच एक रंगीन दोस्ती की शुरुआत होती है। वे दोनों अब साथ में खिलते, उड़ते, नाचते और मस्ती करते हैं और एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ते।
अभिषेक और विक्रम की दोस्ती न केवल उन दो दोस्तों के बीच ठहरती है बल्कि वह उनके परिवारों के बीच भी एक रिश्ता बनाती है। दोनों के माता-पिता दोस्तों के बीच एक अलग दोस्ती का संबंध बनाते हैं और एक दूसरे के साथ खुशियों को बाँटते हैं।
कुछ समय बाद अभिषेक और विक्रम अलग-अलग शहर में जाकर सभी के सपनों को पूरा करने के लिए पढ़ाई करने लगते हैं। लेकिन उन्होंने कभी अपनी दोस्ती को नहीं भूला। वे रोजाना एक दूसरे से बात करते हैं, वीडियो कॉल करते हैं और आपस में जुड़े रहते हैं।
दोस्ती लम्बे समय तक चलती है, लेकिन जब दोस्त साथ होते हैं तो वह हमेशा समायोजित होती है। अभिषेक और विक्रम भी वैसे ही एक दूसरे के साथ लम्बा समय तक दोस्ती का फासला मिटाते रहते हैं।
दोस्ती का रंग उनकी जिंदगी के सभी पलों में बिखरता है। वे एक दूसरे के साथ स्मृतियों, मज़ेदार घटनाओं और लम्बे और सुखद समयों के पलों को कभी भुलाने नहीं देते। दोस्ती का रंग सभी रिश्तों से ऊपर होता है और वह दिन-ब-दिन बढ़ता ही जाता है।