“दोस्ती का मतलब”
एक छोटी सी गांव में, जहाँ सभी लोगों को एक दूसरे से प्यार और हमदर्दी की जरूरत थी, वहीं दो बच्चे रहते थे जो हमेशा साथ में खेलते और पढ़ते रहते थे। ये दोनों बच्चे नर्म और सुलझे हुए थे।
वे दोनों बचपन से ही दोस्त थे। उनमें कुछ भी नहीं था जो दोस्ती को तोड़ सकता था। एक दिन, जब वे साथ खेल रहे थे, एक अन्य बच्चा उन्हें देर से ऊँचाई से गिराने का वादा करता हुआ गुजर गया। दोस्तों ने उसके बातों में कुछ अनोखा लगा था। वे सोचते कि ये रुख कुछ अन्य है।
दोस्तों ने उस बच्चे से बात की और उन्होंने उसे फेरा देखा। यह बात उन्हें ठीक नहीं लगी। जब वे अपने गाँव वापस जा रहे थे, तभी कुछ खबर उन दोस्तों तक पहुँची कि वो नए बच्चे गुजर रहे थे जिन्हें उन दोनों दोस्तों ने कभी देखा नहीं था।
दोस्तों ने उस अज्ञात बच्चे को ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन वो नहीं मिला। फिर उन्होंने सोचा कि उनसे उसके बारे में कुछ पूछना चाहिए था। वे रोज़ अपने गाँव जा कर धुन था रहे थे पर कुछ नहीं मिला।
वे दोस्त थोड़े परेशान होने लगे थे। वे दोनों मिल कर सोचते थे कि उन्हें उस अन्य बच्चे को ढूंढने की जरुरत थी। उन्होंने एक मंदिर के पास उसका पता लगाया। जब उन्होंने उसे देखा तो वे परेशान हो गए।
उसकी हालत बेहद खतरनाक थी। उसे अच्छी खान-पान नहीं मिलता था और उसकी स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक नहीं रहती थी।
दोस्तों ने उस बच्चे को खिलाया और उसे स्कूल भी जाने लगे। वे उस बच्चे को प्रतिदिन अपने साथ स्कूल ले जाते थे और वापस लाने की जिम्मेदारी भी उन्होंने उठा ली थी।
दोस्तों का सच्चाई से प्यारा रिश्ता अब मजबूत होने लगा था। उनकी दोस्ती की मिसाल अब सारे गाँव में दिख रही थी। सभी लोग दोस्तों की देखभाल कर रहे थे।
दोस्तों को अपने गाँव में बड़ी सम्मान की नज़र से देखते थे। दोनों बच्चों में एक प्यार और हमदर्दी आज भी बरकरार है।
दोनों ने अपनी दोस्ती को सबके सामने देखाने का अवसर पाया। कुछ लोग उनसे जलने लगे और वे दोनों अब दिन-रात एक दूसरे की कहानियों, प्यार भरी बातों से भरपूर समय बिताते।
उन दोस्तों ने एक दूसरे से बिना शर्त प्यार किया था। वे उस बच्चे की जिम्मेदारी उठाने के साथ-साथ उसका पूरा ध्यान रखते थे।
दोस्ती आज कई तरह के रिश्तों से ऊँची और महत्वपूर्ण होती है। यह एक विशेष रिश्ता है जो एक दूसरे की समझदारी और मदद के ऊपर टिका होता है। हर कोई एक दोस्त की तलाश करता है जो जिसे वो अपना समझ सकते हैं। दोस्ती का मतलब दरअसल यही है!