Story Title: दोस्तों की दोस्ती
एक गांव में एक जवान लड़के राहुल रहता था। राहुल अपने गांव के सभी लोगों के दिलों में बस गया था। उसकी मदद के लिए सभी लोग उसे बहुत पसंद करते थे। राहुल बहुत ही मेहनती और ईमानदार था। वह हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता था।
एक दिन, राहुल फसलें काट रहा था। उसे पता चला कि उसके दोस्त अमित को बीमारी हो गई है और उसकी मदद की आवश्यकता है। राहुल ने तत्परता से अमित के घर पहुंचा। वहां पहुंच कर उसे सदमा लगा क्योंकि अमित बेहोश था।
राहुल ने तत्परता से एक डाक्टर को बुलवाया और उसने अमित को अस्पताल में पहुंचवा दिया। उसने अमित की मां को भी संबोधित किया और उन्हें उसके बारे में बताया। अमित के मां को राहुल की मदद से बहुत प्रसन्नता हुई और उसने राहुल की सराहना की। उसकी मदद से अमित की जल्दी ठीक हो गई और अमित ने धन्यवाद दिया।
उस दिन से बाद में, राहुल और अमित की दोस्ती बहुत मजबूत हो गई। वे हमेशा साथ में घूमने और मिलने जाते थे। दोस्ती की इस नई लहर ने उन्हें और भी करीब ला दिया।
एक दिन, राहुल और अमित साथ में एक स्कूल परिसर में घूम रहे थे। वहां एक बैलगाड़ी देखकर वे दोनों उसमें सवार हो गए। वे बैलगाड़ी को चलाने का तरीका नहीं जानते थे, लेकिन वे ढेर सारे मज़े ले रहे थे।
आसमान में बादल जमे हुए थे और बरसात की आवाज़ सुन कर, राहुल और अमित खुशी से झूम उठे। वे मजे कर रहे थे और पूरी तरह से निकल ही गए थे।
इसी बीच, बैलगाड़ी एक गड्ढे में फँस गई। दोस्तों को बहुत मुसीबत हो रही थी, और उन्हें भयंकर दर्द हो रहा था। वे नहीं सोच सकते थे कि इससे उन्हें कैसे बाहर निकलना होगा।
फिर एक आदमी ने उनकी मदद की। उसने बैलगाड़ी से उन्हें बाहर निकाला और सबसे पहले राहुल को आपात सुचना प्रदान की कि अब उसे एक महीने तक बिस्तर से ही काम चलाना होगा। यह सुनकर राहुल बहुत चिंतित हो गया, लेकिन वह अधीर नहीं हुआ। उसका निर्णय सही था। उसने जो देखा वही किया।
महीने भर के समय को तैयार होने के बाद, अमित और दूसरे दोस्तों ने राहुल से पूछा कि आखिर यही सही था कि वहनीचे मूल्य बचाने के लिए भूखे और प्यासे हो जाते हैं? राहुल ने कहा कि इसका कोई और उपाय नहीं था और यही सबसे अच्छा निर्णय था। उसने व्यंजनों का सही इस्तेमाल किया और उसे खुद के लिए सक्रिय बनाने का अवसर मिला।
महीने भर के बाद, राहुल की सेहत सुधारने लगी और उसकी कमजोरियां कम हो गईं। वह पुरी तरह से स्वस्थ हो गया। उसके साथी मित्रों ने उसे धर्मस्थल जाने के लिए निमंत्रण दिया, एक शर्मजीवी का आयोजन किया और अपने दोस्त के सौभाग्य की दुआ दी।
राहुल का मजबूत विश्वास होने पर अमित और उसके दोस्त ने राहुल की मदद के लिए आभार प्रकट किया और एक बार फिर उनकी दोस्ती को और भी मजबूत बनाया।
इस सुखद और निर्मल दोस्ती के कारण, राहुल और अमित का जीवन और भी ख़ूबसूरत बन गया। वे भविष्य में भी सदैव एक दूसरे के साथ मजबूत बंधन में बंधे रहेंगे और दूसरों की मदद करते रहेंगे। यह दोस्ती उन्हें हमेशा चमकाए रखेगी।।
इस कथा का सन्देश है कि सच्ची दोस्ती जीवन में आपको गहराईयों और मुश्किलयों से गुज़रने की ताक़त देती है। वह आपके जीवन में उजाला लाती है जब आप एक दूसरे के साथ ख़ुशी और दुःख साझा करते हैं।