Title: अध्यात्म से जुड़े कुछ उपयोगी उद्धरण
जीवन की कुछ दिनों में हमें यह अनुभव होता है कि जीवन में बस उपलब्धियों की कामना करने से हमें शान्ति नहीं मिलती। हमें सफलता के लिए अध्यात्म से जुड़े रहने की जरुरत होती है। आज हम आपके साथ अध्यात्म से जुड़े कुछ उपयोगी उद्धरण साझा करने जा रहे हैं।
1. स्वामी विवेकानंद कहते थे, “वही पापी होता है जो दूसरों के दोषों को निकालता है।” यह बात हमें याद दिलाती है कि हमें सदैव दूसरों की तारीफ़ करनी चाहिए और कहीं नहीं तो खुद ही अपने दोषों को निकालने से बचना चाहिए।
2. संत कबीर कहते हैं, “चलती चक्की देख कर, दिया कब माला.” ये शब्द हमें अनुभव दिलाते हैं कि हमें अपने जीवन को ध्यान में रखकर सफलता को हासिल करना चाहिए।
3. स्वामी विवेकानंद कहते हैं, “हमें अन्न के लिए अन्नदाताओं की भलाई का लोभ होना चाहिए न कि अन्नदाताओं से अपने लिए अन्न की मांग करना चाहिए।” यह बात हमें याद दिलाती है कि हमें दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
4. संत कबीर कहते हैं, “जो तूटा, सो तोऊ नहीं, जो जुड़े, सो बुझ न होए।” ये संदेश हमें आत्मनिर्भर बनने की सलाह देता है। हमें हमारी गलतियों से सीख लेना चाहिए और हमेशा चलते रहना चाहिए।
5. स्वामी विवेकानंद कहते हैं, “हम दूसरों के घिनौने कामों की चर्चा करना छोड़ दें तो भला उनकी अच्छाई और सफलता का हमें अधिक अनुभव होगा।” ये शब्द हमें याद दिलाते हैं कि हमें इंसान बने रहना और दूसरों की मदद करना चाहिए।
6. संत कबीर कहते हैं, “गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताय।।” ये शब्द हमें याद दिलाते हैं कि हमें गुरु का सम्मान करना चाहिए। गुरु के आदर का अहमियत सभी को पता है।
7. स्वामी विवेकानंद कहते हैं, “हमें अपने संगथन में स्थायित्व और एकता का महत्व जागरूक करना चाहिए।” ये शब्द हमें बताते हैं कि हमें दूसरों से आदरपूर्वक बर्ताव करना चाहिए।
8. संत कबीर कहते हैं, “राम नाम सब सुख दाता, उसमे राम नाम नहीं तो सब झूठ दुखदाता।” ये शब्द हमें याद दिलाते हैं कि हमें जीवन में राम नाम का दुरुपयोग कभी नहीं करना चाहिए।
उपरोक्त उद्धरण आपको यह बताते हैं कि हमें अध्यात्म से जुड़े रहना चाहिए। यदि हम इन उद्धरणों को ध्यान में रखते हुए जीवन जीते हैं तो सफलता स्वयं हमारे पास आएगी।