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एक जोशीली सफ़र एक वीर योद्धा ने सभी से कहा

Title: एक जोशीली सफ़र

एक वीर योद्धा ने सभी से कहा था, “मुझे एक ऐसे सफ़र की ज़रूरत है जो मेरे जीवन में एक नयी उछाल लेकर आए।” उसके शब्दों को सुनकर सभी लोग उससे हंसी उठाने लगे।

लेकिन वीर योद्धा ने इसे हंसी का मुद्दा नहीं बनने दिया। उसे अपने सपनों की पूर्ति करने के लिए संकल्प लेने की ज़रूरत थी। उसे इस मंज़िल पर पहुंचने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा था। इसलिए वह अपनी सीमाओं से बाहर निकलने का निर्णय लिया।

दिनहीन उसने एक पथ पर चलते हुए एक सुंदर गांव देखा। गांव में सभी लोग बड़े ही खुशनुमा मजे कर रहे थे। युवाओं ने डंडिया खेल खेला, महिलाओं ने मीठी मीठी बातें की और बच्चे खेलते रहे। इस खुशी के माहौल ने वीर योद्धा का दिल कुछ देस प्रेमी के जैसा बनने लगा।

वह जल्दी से गांव के मुख्य द्वार पर जाकर प्रवेश किया। गांव के स्थानीय लोगों ने उसे देखा और उसे दीवाने कि तरह स्वागत किया। वीर योद्धा ने उनसे बात की और उन्हें अपने सपनों के बारे में बताया। स्थानीय लोग उसे यह बताते हुए खुश हुए कि एक बहुत बड़ा परिवर्तन करने वाला इंसान होने के साथ-साथ बहुत डरावना हो सकता है।

फिर उन्होंने उसे एक धार्मिक स्थल पर जाने की सलाह दी जहां योगी महाराज का आश्रम था। उससे बात करने की सलाह दी गई थी।

वीर योद्धा ने इस सलाह का पालन करते हुए योगी महाराज के आश्रम की ओर रवाना हुआ। ऐसा लग रहा था कि आश्रम में साकार शांति की वातावरण थी। उसे कुछ अलग से बात कर लेने के बाद, उसे एक मंदिर का दर्शन करने की सलाह दी गई थी जो कि कुछ दूर था।

वीर योद्धा ने दुनिया के सभी बाधाओं को भूलकर, मंदिर तक खूबसूरत सफ़र किया। मंदिर में वह एक विद्वान से मिल बैठा और उनसे अपनी समस्याओं के बारे में बात करना शुरू किया। उसे यह अहसास हुआ कि वह अनकही बातें असमानता और असाफलता से जुड़ी हुई थीं।

उसके शब्दों से, विद्वान ने उससे पूछा, “क्या तुम्हारे मन में समस्याएँ स्थायी हैं या अस्थायी?” वीर योद्धा को उसके सवाल का जवाब नहीं पता था।

विद्वान ने उसे समझाया कि अधिकतर समस्याओं का अस्थायी होता है। “इसलिए तुम्हें उनसे नहीं डरना चाहिए। ये केवल एक जोशीली पड़ाव है तुम्हारे जीवन की यात्रा में प्रत्येक बार आएगा।”

वीर योद्धा को विद्वान के शब्दों से बहुत आराम मिला। वह उनका आशीर्वाद लेकर जमीन पर आ गिरा। इस तरह उसके जीवन में एक नयी चमक लौट आई।

अब वह अमूल्य चेतना के साथ जीवन का सफर जारी रखना चाहता था। वह अपनी जीतों और हारों से उठ कर खड़ा हुआ और सभी मुश्किलों का सामना करके उसकी जीत हुई। वह एक सफेद सूट पहनकर फिर से एक वीर योद्धा बन गया, जो अपनी सीमाओं से बाहर निकलना पसंद करता था।

कागा जी

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