खुशनसीब राजकुमार
एक समय की बात है, जब किसी राज्य के राजा के यहाँ बेटा हुआ था। राजा का बेटा वहीं नहीं रह पाया था, वह बहुत दूर जाकर एक संत के आश्रम में रहने लगा था। वह आश्रम में हमेशा से ही सेवा और धर्म के बारे में ज्ञानी संतों से प्रेरणा लेता रहता था। उसके आने के बाद संत लोगों ने उसे अपना पुत्र माना था।
चारों तरफ लोग कमाई और मल की मुद्दत में लग गए थे लेकिन राजकुमार ने कभी भी इन मुद्दतों में नहीं लगा। लोगों की मदद करना उसे बहुत अच्छा लगता था। एक दिन, एक पशु पासूना आश्रम के सामने आ गया जो बर्फ से जड़ चुका था। संत लोग ने पासूने को सुखाने की कोशिश की लेकिन वह पूरी तरह से मर चुका था। इसने राजकुमार के दिल में हमेशा के लिए एक संकेत छोड़ दिया कि उसे अपनी सेवा में अधिक समय देना चाहिए।
राजकुमार को यह बहुत अच्छा लगता था कि दूसरों की सेवा में लगाव करना उसको सार्थक और रोमांचक बनाता है। संत लोग कभी अन्याय नहीं करते थे, लेकिन उन में से कुछ लोगों ने राजकुमार की मदद की और उसे अपनी सेवा में लगाने में मदद की। राजकुमार में बेहतर बनने का जोश था और उसने किसी भी मुश्किल से पीठ नहीं मोड़ी थी।
राजकुमार का इतना पसंद किया जाना कि एक दिन राजा उसे उसके पास भेज दिया। राजा ने पूछा कि “मेरे बेटे के संबंध में क्या आपका कोई काम है?” राजकुमार ने उत्तर दिया कि “नहीं, मेरे पास राज को हल्का करने वाला या किसी और समस्या के समाधान के लिए कोई कार्य नहीं है। मुझे कुछ भी उन पूर्व जन्मों के ऋणों का नहीं लगता है जो मैंने समाज को देने के लिए किया है।”
राजकुमार के जवाब से राजा खुश था और उसे उन कौशलों के बारें में बताया जिसे उसके बेटे को सीखना चाहिए। राजकुमार का अधिकार बढ़ गया था और दूसरे लोगों की मदद करने का भी। उसने राजा के बेटे का भी ध्यान रखा और उसे शांति की शिक्षा देने में मदद की।
अब उसे एक खुशनसीब राजकुमार के रूप में जाना जाता था, जो समूचे राज्य के लोगों के लिए एक आदर्श बन गया था। उसने सभी इच्छाओं को पूरा करने के लिए अधिक समय नहीं लगाया, लेकिन उसने किसी के साथ कभी धोखा नहीं दिया। किसी के बारे में बुरा सोचने के लिए उसका समय नहीं था।
राजकुमार ने धन और सम्मान की आशा से कभी नहीं जिया था, बल्कि एक सीमित संसाधनों और संगठन के साथ वह महत्वपूर्ण बदलाव लाने में सक्षम था। वह समूचे राज्य हैप्पी बनाने की कवायद और क्रियाएं की। उसकी ईमानदारी, उसका कौशल, उसका दूसरों के साथ सम्मोहन लोगों में शिक्षा दी, और सामुदायिक सेवा थोड़ा बहुत दूसरे ढंग से किया गया।
राजकुमार का यह सोच था कि अगर उसे छोटी से छोटी समस्या का समाधान कर दिया जाता है, तो भविष्य में उसकी संस्थाओं और मानव विकास के लिए बेहतर बनाया जा सकता है। उसे लगता था कि एक छोटा सा इंसान भी दुनिया को बदल सकता है।
जैसे-जैसे राजकुमार बढ़ता गया, उसके साथ साथ राज्य की आर्थिक बलदिलत, संस्थापन, शासन और सामुदायिक सेवा में एक नया दृष्टिकोण आया। जैसे-जैसे समय बीता, उस दृष्टिकोण को राज्य के लोगों ने अपने हृदय में लिया और वह सीमित हो गया। लोगों ने उसे एक आदर्श बनाया जिसे वहीं परम आनंद मिलता था।
आज, राजकुमार को एक खुशनसीब राजकुमार के रूप में जाना जाता है जो सिर्फ अपने जैसे लोगों और नहीं, समूचे राज्य के लोगों के लिए एक आदर्श है। उसका नाम जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया, उसका इतिहास, उसके कौशल और उसे प्रेरित करने वाली कहानियां भी सामान्य जनता में फैलती गई।