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नासिर की दोस्ती जब नासिर ने पहली बार अपने नए

Title: नासिर की दोस्ती

जब नासिर ने पहली बार अपने नए पड़ोसियों से मिला तो वह थोड़ा सा डर भी था कि क्या वे उसे स्वीकार करेंगे या नहीं। लेकिन उसने कुछ देर बातचीत करते हुए इस डर को दूर कर दिया।

अब नासिर का चार दोस्त उसके घर आते थे और साथ में उसे खेलने के लिए भी ले जाते थे। उनमें से एक दोस्त उमर नासिर से कुछ साल बड़ा था लेकिन वह उसे खेलने में सहायता देना भी नहीं भूलता था।

एक दिन उन्होंने एक नया खेल शुरू किया जिसे नासिर ने कभी नहीं खेला था। उसे समझने में थोड़ी मुश्किल हो रही थी जब एक दोस्त ने उसे उस खेल की उपयोगिता और नियम बताये तो वह बेहद खुश हुआ।

वह खेल खेलते हुए उमर ने नासिर से पूछा, “तुम्हें ये खेल कैसा लगा?”

नासिर ने उत्तर दिया, “यह मुझे बहुत अच्छा लगा।”

उमर ने वहां से जाने से पहले नासिर से अनुरोध किया कि वह आगे भी खेलता रहे। नासिर ने हाँ कह दिया और मुस्कुराते हुए उमर को अलविदा कह दिया।

वह खेल जब भी खेलने लगते थे तो सारे दोस्त नहीं थे, लेकिन नासिर को उमर से एक अलग बॉन्ड बन गया था। उमर उसके साथ खेलने के साथ-साथ उसके शिक्षक और मार्गदर्शक भी बन गया था।

एक दिन जब वह अकेले पड़ गया था तो वह उमर के पास जाकर उससे मिलने गया। उमर ने उसे धीरे-धीरे ये बताया कि वह एक सेना में होते हुए जाना चाहता है। नासिर समझ गया कि ये बड़ी बात है और वह उसके लिए बहुत खुश भी हुआ।

उमर ने अपने समय का बहुत सारा समय नासिर को पढ़ाने में लगाया था और उसने उसके लिए उस सेना में शरीक होने का नामांकन करवाने में भी सहायता की। नासिर ने नामांकन परीक्षा में बड़ी मेहनत से कामयाब होकर उस सेना में शामिल हुआ।

वह घर से दूर चला गया था लेकिन उसने फिर भी उमर के साथ दोस्ती निभाई। वह उसे लिखता था और बताता था कि उसका हर एक कदम कोई उसके लिए नहीं बल्कि उमर के लिए ही होता है।

नासिर वापस अपने घर लौटकर उसे देखकर सबको बताता था कि उनकी दोस्ती कितनी महत्वपूर्ण है। वह उमर से मल्टीपल कॉल पर भी बातें करता था।

फिर एक दिन उसे मालूम हुआ कि उमर की स्थिति खराब हो गयी थी। उसे कॉल करके पता लगाया जाने पर पता चला कि वह बीमार हो गया है और अस्पताल भेजा गया है।

नासिर ने उसे अस्पताल में जाकर मिलने का निर्णय लिया। उसने अपनी सारी छुट्टियों का इस्तेमाल करके अस्पताल में उमर के साथ बिताया। वह उसे उससे मिला करता था, उसे खाने का ख़ास ख्याल रखता था और उसे खुश रखता था।

वह दोस्ती और स्नेह से हल्के हुए और फिर उमर सही हो गया। उसे बहुत खुश होता था जब वह नासिर को खुश देखता था। उमर ने नासिर के साथ एक खेल कंपनी भी खोला और उसको अपना समय दिया।

बॉफोर पत्ता खेलते हुए वह एक दिन फिर से उमर से मिलने गया। इस बार उसे अपनी आने की कोई खबर नहीं थी इसलिए वह थोड़ा निराश हो गया था। लेकिन जैसे ही वह वहां पहुँचा, उमर ने उससे एक जश्न कैमरा में लिया और कहा, “अरे दोस्त, मैं तो अब तोड़ दिया हूँ तुम आ गए!”

नासिर समझ नहीं पाया कि क्या हो रहा है। अचानक एक नक्शा आ गया और उसे छापकर उमर ने दिया।

नासिर ने उसमें देखा कि वहा उमर की खेल कंपनी का नाम था। उसने उमर से पूछा, “ये क्या है?”

उमर ने कहा, “ये मेरी छुट्टी का सूचनापत्र है! मैं तुम्हें बताना चाहता था कि मैं अपनी खेल कंपनी की स्थापना कर रहा हूँ जिसे मैंने हमारी दोस्ती से प्रेरित करके शुरुआत की है। लोगों को खेलने का मजा देने के साथ-साथ, मैं लोगों को ये भी सिखाना चाहता हूँ कि कैसे एक दोस्त का साथ लेकर हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।”

नासिर को ये सुनकर अपनी आंखों में आंसू आ गये। वह उमर की जाने की उम्र का कोई भरोसा नहीं करता था, अब जब उसने देखा कि उमर अपनी ख्वाइशों को पूरा करने के लिए काम कर रहा है और दूसरों को भी यह दिखाने की कोशिश कर रहा है, तो उसे बहुत अच्छा लगा।

वह उमर से अपनी दोस्ती की सफलता से बहुत खुश हुआ और मानसिक रूप से उसे समर्थन देने के लिए तैयार हो गया।

नासिर ने उमर के सफल होने की खबर को अपने दोस्तों के साथ शेयर किया और उन्हें ये भी बताया कि कैसे एक दोस्त का साथ दूसरों के सपनों की पूर्ति कर सकता है।

कागा जी

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