0

बदलती ज़िन्दगी एक छोटे से गाँव में रखवाली करने

Title: बदलती ज़िन्दगी

एक छोटे से गाँव में रखवाली करने वाला रामु अपनी ज़िन्दगी से अधिक खुश नहीं था। उसे इमारतों में नौकरी करने की इच्छा थी जो कि धीरे-धीरे उसकी मनचाही ओर ले जाती गई। एक दिन लगभग तीन वर्ष पहले, उसके शहर में एक इमारत का निर्माण हो रहा था जहाँ नौकरियों का बहुत अवसर था। रामु को इसके बारे में सुनते ही उसने अपनी चिंता पूर्ण करने का निर्णय लिया।

उसने जॉब के लिए आवेदन किया और अपनी सभी जानकारियाँ दी जिनकी ज़रूरत थी। पर इसे शोधता हुआ कुछ समय लगा जब तक रामु तब की मुख्य रखवाली और चाय की दुकान के उद्योग को चला रहा था।

पर फिर अचानक एक दिन एक फोन आया और रामु को बताया गया कि उसकी नौकरी लग गई है। मूल रूप से उसकी खुशी ने कोई सीमा नहीं रखी थी। अगली सुबह से वह इमारत में काम करने के लिए तैयार होने लगा।

पहले चार सप्ताह उसे केवल भवन के साफ-सफाई के काम दिए गए। उससे फिर वह कलहंस बना महीनों तक खिलने लगा। लाल रंग की बढ़िया जो सभी नौकरीकर्ताओं के पहनना था।

अगले साल उसकी नौकरी में उसे बढ़ोतरी मिली, लेकिन उसने समझ लिया था कि तभी तक ज़िन्दगी में संघर्ष नहीं होता जब तक आप कर्तव्य के प्रति सक्रिय रहते हो। उसे दो काम को साथ सौंपें गए। पहला काम वह चायपत्ती बेचता था और दूसरे काम में वह इमारत में भी काम करता था। पर मैं जानता हूँ कि इन दोनों बातों को साथ में करना कितना मुश्किल है। फिर भी रामु इसे धैर्य और कड़ी मेहनत से सह रहा था। उसे अपने जन्मदिन पर बहुत सारे लॉन्ग ऑफिस आउटिंग जाने के लिए आमंत्रित किया गया था जो उसे खुशी दे रहा था।

तब उसकी ज़िन्दगी के नए बाबत खुलने से पहले ही कुछ ग़लत हो गया। आसमान में गरज की ध्वनि और बादलों ने अपने आप बाएं ओर मोड़ लिए।

एक दिन कुछ खराब हो गया – दुकान चलाने वाले ने अंधेरे में एक दीवार से टकरा लिया जब वह कुछ चीजें लाड़कर जा रहा था। दुर्भाग्य से, उसका सिर अभी भी बहुत खराब हो रहा था, लेकिन नौकरी में वह कोई नहीं बता सकता था। अब वह घर पर अधिक समय बिता रहा था और उसे अपनी नौकरी की फिक्र करनी पड़ रही थी।

फिर उसने एक सरदारजी से मिला। वह एक व्यापारी था जो उससे सच बोलने के लिए दिया जाता था। सरदारजी ने उसे पता चला कि उसे अपनी ज़िन्दगी में एक नई मुश्किल का सामना करना होगा जिसे उसे सामने से खत्म करना होगा।

रामु ने फिर एक लेक्चर में एक स्कूल की बच्चियों को समझाया था कि सफल होने के लिए उन्हें संघर्ष करना चाहिए वह सफलता उन्हें स्वयं ही मिलेगी। अब उसे ठीक से मालूम था कि वह उसी बात से लड़ने के लिए तैयार था।

उसने एक फोन करके बाजार जाने के लिए दो स्कूटीवालों को भीजा और नई चाय की दुकान की शुरुआत की। उसने अपनी नौकरी नहीं छोड़ी थी पर इस दुकान को उतार-चढ़ाव में मदद करना भी जारी था। वह बहुत अधिक बीच सड़क को बदल दिया था।

खबर लतीफ है – यह दुकान अब बरसों से चल रही है और रामु अभी तक उस सरदारजी से इसे लेकर खुश नहीं है। उसे इतने समय में अपने काम में बेहतर होना चाहिए था। उसने एक बहुत बड़ी गलती कर दी थी।

रामु ने अपनी ज़िन्दगी में ऐसा बदलाव लाने का एक निर्णय लिया, जिससे उसकी ज़िन्दगी निरंतर बदलती रही। उसे नई चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना पड़ा।

वह एक नए सुखदायक संघर्ष के सामने खड़ा हुआ था जहाँ उसे थोड़ी सावधानी बरतने की ज़रूरत थी। उसने थोड़ी देर के लिए खुद को अलग कर दिया था, लेकिन अब दिन का आखिरी समय समाप्त हो रहा था।

उसने एक बार फिर से सोचा था कि सफलता उसे मिलेगी तभी जब वह संघर्ष करेगा। वे एक सरल वेबसाइट शुरू करते हैं जो लोगों को डिस्टेंशर से सम्बंधित सभी जानकारी प्रदान करती थी। वह सोशल मीडिया पर मार्केटिंग के बारे में नहीं जानता था, लेकिन उसे मिले लोगों के सहयोग के बारे में सुझाव दिए गए। उसने इसे संचालित करना शुरू किया और एक साइलेंट युद्ध लड़ा जो जीत के साथ अंत होता है।

तो नहीं, उन्होंने अपनी ज़िन्दगी में हमेशा इतना समय नहीं दिया था, लेकिन उन्होंने यह सोचा कि उनका समय केवल इस साइलेंट युद्ध के साथ ही अंत हो सकता है। अब नये मौसम के साथ, वह अपनी दुकान भी संचालित कर रहा है और यह एक इमारत संभव है।

अब रामु को लगता है कि उसे आगे बढ़ने के लिए और मिलने वाली नयी मुश्किलों के लिए तैयार होना चाहिए। क्योंकि संघर्ष सफलता की राह होता है, जो अभी उसे समझाना था।

यह उसकी कहानी है जो भले ही कठिन हो, पर उसने इसे हमेशा उत्साह से संभव बनाया। वह यह जानता है कि जब तक वह संघर्ष के साथ आगे बढ़ेगा, उसे सफलता नहीं मिलेगी।

कागा जी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *